उत्तराखंड समाचार

लॉक डाउन के दौरान मानवता को पता चला पर्यावरण संरक्षण का महत्व

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जानकार बताते हैं कि बुग्यालों में लोग नंगे पांव जाते थे,

देहरादून।  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने शासकीय आवास में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोग अपने पारिवारिक शुभकार्यों के अवसर पर एक पेड़ भी लगाएं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जानकार बताते हैं कि बुग्यालों में लोग नंगे पांव जाते थे, जिससे बुग्यालों को नुकसान न हो, हिमालय क्षेत्र में ऊंची आवाज में बात नहीं करते थे, जिससे ग्लेशियर न टूटे और वन देवियों के डर से बिना वजह जड़ी-बूटियों का दोहन नहीं करते थे। यानी प्रकृति संरक्षण के लिए लोगों को धार्मिक मान्यताओं से भी जोड़ा गया था। जब तक हमारे संस्कारों में पर्यावरण संरक्षण की ललक पैदा नहीं होती तब तक दूषित पर्यावरण के दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। प्रकृति संरक्षण का जज्बा हमारे संस्कारों से जुड़ा होना चाहिए। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति के साथ समन्वय जरूरी है, लेकिन अपने आसपास के पर्यावरण को शुद्ध रखना मनुष्य के संस्कारों में होना चाहिए। कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान नदियां शुद्ध हो गई थीं, पर्यावरण इतना स्वच्छ हो गया था कि सहारनपुर से भी हिमालय पर्वत श्रृंखला दिखाई दे रही थी। विश्व पर्यावरण दिवस शुद्ध पर्यावरण पर ही मानव जीवन आश्रित है। पर्यावरण को शुद्ध रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्म दिवस पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। आने वाले समय में लगाए गए पौधे वृक्ष बनकर हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध व स्वच्छ पर्यावरण दे सकें। कहा कि पौधों के कटान की वजह से भू-जल स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। वायु मंडल में हवा भी प्रदूषित होती जा रही है। जिसकी वजह से जीव जन्तु सभी को परेशानी हो रही है और लोगों को भी सांस संबंधित बीमारियां भी हो रही हैं। इस दौरान पर पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय, भाजपा मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, पार्षद चुन्नी लाल, पार्षद सतेन्द्र नाथ, पूर्व पार्षद मंजीत रावत, भावना, प्रदीप रावत, मोहन बहुगुणा, निरंजन डोभाल आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

 

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