उत्तराखंड समाचार

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों यथा ईटीसी, निदेशालय पंचायती राज देहरादून, एटीआई नैनीताल में भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है

पौड़ी  22 मार्च। विकासभवन सभागार में पंचायतीराज विभाग के तत्वाधान में आज समस्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को च्थ्डैध्च्म्ै विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने प्रतिभाग करते हुए च्थ्डै(सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के संबंध में बताया कि ग्राम पंचायत के सभी कार्मिकों को विभिन्न विकास कार्यों को संपादित करवाने के लिए कार्य प्रारंभ करवाने से लेकर सामग्री को क्रय करने और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान करने की सभी प्रक्रिया के नियमों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने वित्तीय धनराशि की प्राप्ति और भुगतान से संबंधित विभिन्न प्रकार के पोर्टल, प्रोक्योरमेंट नियमावली, कार्य की विभिन्न अवस्था और गुणवत्ता के अनुरूप स्टेप बाय स्टेप भुगतान करने की जानकारी जरूरी बताई।   जिलाधिकारी नेे कहा इसके साथ -साथ कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने, कार्य की पारदर्शिता और किसी भी प्रकार के विवाद और शिकायत से बचने के लिए उसका नियमानुसार उपयोग, रिकॉर्ड कीपिंग और उसका अपडेशन, ऑनलाइन पोर्टल पर नियमानुसार डाटा की फीडिंग करना भी जरूरी होनी चाहिए तथा समय से पूरी होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यदाई संस्था का अनिवार्य रूप से च्थ्डै पोर्टल पर पंजीकरण होना चाहिए। डीपीआर तैयार करते समय स्थानीय परिस्थिति, व्यवहारिक पक्ष, दूरगामी और तात्कालिक आवश्यकता के अनुरूप का ध्यान रखा जाए और भुगतान को किसी भी दशा में लंबित ना रखा जाए। मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य ने इस दौरान कहा कि प्रोक्योरमेंट नियमावली के अनुरूप सामान्य तरीके से भुगतान करने की सीमा, कोटेशन और टेंडरिंग इत्यादि के लिए निर्धारित की गई सीमा का भी अनिवार्य रूप से अनुपालन हो, साथ ही विकास कार्यों को पूरा करने से संबंधित विभिन्न प्रकार की समितियों यथा क्रय समिति, भुगतान अनुमोदन समिति इत्यादि की रिपोर्ट भी यथासंभव प्रक्रिया में शामिल की जाए। इस दौरान मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र ने भी कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कार्मिकों से विभिन्न प्रकार के भुगतान को समय से पूरा करने तथा भुगतान प्रक्रिया से संबंधित बिल वाउचर, पंजिका में उसका अंकन, रिकॉर्ड रखरखाव और ऑनलाइन पोर्टल पर समय से फीडिंग नियमानुसार  करना जरूरी बताया। जिला पंचायतराज अधिकारी जितेंद्र कुमार ने इस दौरान कार्यशाला में कहा कि पंचायतराज विभाग वर्ष 2012 से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अपने विभिन्न सॉफ्टवेयर से कार्य कर रहा है जिसमें प्रिया सॉफ्टवेयर(वर्तमान में  ई-ग्राम स्वराज) प्लान प्लस, राष्ट्रीय पंचायत पोर्टल (एनपीपी) , स्थानीय सरकार निर्देशिका (स्ळक्), डायरेक्टरी एक्शन सॉफ्ट, नेशनल ऐसेट डायरेक्टरी, एरिया प्रोफाइलर, ऑऑडिट, ट्रेनिंग मैनेजमेंट और ग्रामीण मानचित्र पर कार्य कर रहा है। उक्त समस्त सॉफ्टवेयर को वर्तमान में ई- ग्राम स्वराज के माध्यम से संचालित किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर इंटीग्रेटेड च्थ्डै के माध्यम से कार्य करता है। अतः उक्त समस्त सॉफ्टवेयर की जानकारी का होना प्रत्येक पंचायतराज के कार्मिकों एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को होना अत्यंत आवश्यक है। इसी क्रम में पूर्व में भी विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों यथा ईटीसी, निदेशालय पंचायती राज देहरादून, एटीआई नैनीताल में भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसी के तहत आज पंचायतराज कार्मिकों के लिए उपरोक्त रिफ्रेशमेंट् प्रशिक्षणक, कार्मिकों को दिया जा रहा है तथा भविष्य में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर वित्तीय परामर्शदाता पंचायतीराज संतोष खेतवाल, एडीपीआरओ नितिन नौटियाल सहित विभिन्न विकासखंडों के सहायक पंचायतराज अधिकारी तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

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