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2022 में इमरान खान की राह बेहद मुश्किल, सत्ता से हो सकते हैं बाहर?

पाकिस्तान में इमरान सरकार की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इमरान सरकार एक साथ आतंकवाद, आर्थिक, सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ की अंदरूनी राजनीति आदि से जूझ रहे हैं। ऐसे में ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इमरान सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि 2022 में इमरान खान को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

मिनी बजट को लेकर बैकफुट पर इमरान खान

इमरान सरकार की हालात इस केस में चित्त और पट्ट दोनों केस में हार की है। सरकार मिनी बजट की तैयारी में है। यदि पाकिस्तान अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में फिर से एंट्री चाहता है तो इस बजट को संसद से पारित किया जाना जरूरी है। पिछली कैबिनेट में इमरान सरकार के सहयोगी दल इस बजट के विपक्ष में थे। सहयोगी दल के नेताओं को डर है कि इससे विनाशकारी मुद्रास्फीति लहर पैदा होगी और इससे और जोर का झटका लगेगा। PTI के टॉप के नेता भी इस बजट को लेकर साफ नहीं है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार अगर इस विधेयक से बच भी जाती है तो क्या इसके प्रभावों से बच पाएगी?

नवाज शरीफ का खौफ

सत्ताधारी पार्टी का एक धड़ा मानता है कि PML-N पार्टी के कार्यकर्ताओं को बहुत बदनाम किया गया है। उन्हें जेलों में डाल दिया गया है। ऐसे में वह भुत कुछ खोए बिना अपने समर्थकों के साथ वापसी को तैयार हैं। पाकिस्तान की राजनीति पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि नवाज शरीफ लौटें या नहीं लेकिन पार्टी जरूर लौट सकती है। PTI सिर्फ PML-N के खिलाफ नहीं, उनके विचारों से भी लड़ रही है।

PTI के हाथ से पंजाब निकल रहा?

पाकिस्तान की राजनीति में पंजाब प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है और यहां के सीएम उस्मान बुजदार के कामकाज से इमरान खान बेहद नाराज हैं। जब उस्मान बुजदार को सीएम बनाए जाने वाला था तो PTI के कई नेता इसके विपक्ष में थे। एक केंद्रीय मंत्री तो यहां तक कह दिया था कि इमरान के चपरासी भी बता देंगे कि उस्मान पंजाब के सीएम लायक नहीं है। लेकिन अब इमरान खान भी शायद पछता रहे होंगे। खराब परफॉरमेंस के कारण उस्मान को कई बार वार्निंग दी जा चुकी है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स भी इस तरह की खबरें हैं कि उस्मान अब सिर्फ नाम के सीएम हैं और पंजाब को इमरान खान ही देख रहे हैं।

PTI की अंदरूनी कलह

PTI के नेता खुद में लड़ने में लगे हुए हैं। हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा में PTI के हार के बाद प्रति अध्यक्ष ने PTI के संविधान, अधिकारी और पार्टी के पूरे ढांचे को उखाड़ फेंका है। इससे PTI के टॉप नेता बेहद नाराज चल रहे हैं। पार्टी से जुड़े टॉप लोगों ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष ने खुद ही हरेक फैसले पर साइन किए हैं। ऐसे में उन्हें खुद की गलती का अंदाजा होना चाहिए। ऐसे में PTI खुद में ही कई फाड़ नजर आ रही है।

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