उत्तराखंड समाचार

पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति की समीक्षा

पशुओं में स्वस्थ होने की दर 40 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 1.8 प्रतिशत है।

देहरादून। मंत्री पशुपालन, डेयरी विभाग श्रम एवं कौशल विकास एवं गन्ना विकास, सौरभ बहुगुणा  की अध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार, विश्वकर्मा भवन, सचिवालय में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में अन्य जनपदों के अधिकारियों ने ऑनलाईन प्रतिभाग किया। जिसमें विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि आतिथि तक राज्य में 6506 पशु लम्पी रोग से ग्रस्त हैं जिनका उपचार किया जा रहा है, जिसमें 2456 पशु अब तक पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं, तथा 119 पशुओं की मृत्यु हुई है। विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि पशुओं में स्वस्थ होने की दर 40 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 1.8 प्रतिशत है। विभाग द्वारा पशुओं में रोग की रोकथाम हेतु 1.8 लाख खुराक वैक्सीन क्रय कर विभिन्न जनपदों को टीकाकरण हेतु उपलब्ध करा दी गई है। अब तक 49820 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। जिस पर मा0 मंत्री जी द्वारा असन्तोष व्यक्त करते हुए टीकाकरण में गति लाने हेतु अतिरिक्त टीम का गठन कर टीकाकरण कराये जाने के निर्देश दिये गये। रोग की रोकथाम हेतु जनपद हरिद्वार में अपर निदेशक, गढ़वाल मण्डल पौड़ी व देहरादून में संयुक्त निदेशक, रोग नियन्त्रण की देखरेख में कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये साथ ही कुमायूँ मण्डल में रोग से बचाव हेतु उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे गॉवों व नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में भी टीकाकरण कराये जाने के निर्देश दिये गये। जनपद देहरादून व हरिद्वार में सेनिटाईजेशन व कीट नियन्त्रण के सम्बन्ध में दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ मंत्री द्वारा वार्ता की गई। हरिद्वार व देहरादून में वैक्टर नियन्त्रण हेतु तीन विभागीय उच्चाधिकारियों की समिति गठित करने के निर्देश दिये गये। उक्त बैठक में राज्य में भूसे की कमी के सम्बन्ध में भी चर्चा की गई जिसमें रबी के मौसम हेतु यूएलडीबी के माध्यम से चारा मिनिकिट्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। भूसे की कमी को देखते हुए अनुदान पर भूसा भेली उपलब्ध कराने हेतु कैविनेट नोट बनाने के निर्देश दिये गये। किसान क्रेडिट कार्ड के सम्बन्ध में सचिव, पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के पशुपालको हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने के सम्बन्ध में समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये है, परन्तु अभी तक प्रगति सन्तोषजनक नहीं है। जिस पर मंत्री जी द्वारा सम्बन्धित मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को जनपदों के लीड बैंक मैनेजर से सम्पर्क कर लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गये है। बैठक में सचिव, पशुपालन डा0 बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, निदेशक, पशुपालन, डा0 प्रेम कुमार, संयुक्त निदेशक डेयरी विभाग श्री जयदीप अरोड़ा,संयुक्त निदेशक, रोग नियन्त्रण, डा0 देवेन्द्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

 

 

 

 

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