उत्तराखंड समाचार

विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर पहुंचना अब और भी हुआ आसान, खाती गांव तक बनी सड़क

। आजादी के 75 वें वर्ष में पिंडारी ग्लेशियर के अंतिम गांव खाती के लिए सड़क बन रही है।

बागेश्वर: पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 वें वर्ष में पिंडारी ग्लेशियर के अंतिम गांव खाती के लिए सड़क बन रही है। यह अच्छी बात है और सड़क बनने से साहसिक पर्यटन को पंख लगेंगे। विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर की दूरी अब कम होने जा रही है। पिंडारी के अंतिम पड़ाव कहें या गांव खाती तक आजादी के 75 वें वर्ष में सड़क का निर्माण हो रहा है। स्थानीय लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। वह पोर्टर, गाइड, होम स्टे आदि का संचालन करते हैं। पूर्व में खाती पहुंचने के लिए खरकिया से छह किमी की पैदल यात्रा करनी होती थी। सड़क बनने के बाद अब जिला मुख्यालय से एक दिन में साहसिक पर्यटक खाती पहुंच जाएंगे।यहां से पिंडारी, कफनी ग्लेशियर के अलावा सुंदरढूंगा घाटी की पैदल यात्रा शुरू होगी। खाती के लिए खर्किया से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2020 में छह किमी लंबी सड़क स्वीकृत हुई। सड़क खाती गांव तक कट गई है। खर्किया से खाती गांव जाने के लिए छह किमी पैदल चलना पड़ता है। पैदल दूरी से बचने के लिए लोग चौपहिया वाहन जोखिम लेकर चला रहे हैं।छह किमी लंबी सड़क के पहले स्टेज के लिए 3.70 करोड़ और दूसरे स्टेज के लिए 2.60 करोड़ रुपये अवमुक्त हुए हैं। पहले चरण में सड़क की कटिंग की जाती है। दूसरे चरण में डामरीकरण का काम होता है। खाती के ग्राम प्रधान कैलाश सिंह दानू, सामाजिक कार्यकर्ता तारा सिंह दानू, विशन सिंह, बची राम, प्रकाश सिंह, नरेश सिंह, प्रेम सिंह ने सड़क की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं। कहा कि सड़क पर सर्वे के विपरीत एस और हेयरपिन बैंड बना दिए गए हैं। सड़क सात मीटर चौड़ा बननी थी, लेकिन कई स्थानों पर छह मीटर काटी गई है। अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि खाती सड़क पर पहले स्टेज का कार्य हो रहा है। अलाइनमेंट के अनुसार सड़क कटी है।  ठेकेदार ने पोकलैंड ले जाने के लिए हेयरपिन बैंड बना दिए होंगे। सड़क सर्वे के अनुसार ही बनेगी। दूसरे स्टेज में डामरीकरण का कार्य किया जाएगा।

 

 

 

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