गर्मी में पेट संबंधी बीमारियों कैसे बचें, बता रहे हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. शैलेश जोशी
अनियमित दिनचर्या व खानपान में लापरवाही जैसे कारण पेट संबंधी विकारों की वजह बनते हैं।
हल्द्वानी : अनियमित दिनचर्या व खानपान में लापरवाही जैसे कारण पेट संबंधी विकारों की वजह बनते हैं। संयमित जीवनशैली व कुछ जरूरी सावधानी अपनाकर बड़ी व जटिल शारीरिक परेशानियों से बचा जा सकता है। वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. शैलेश जोशी ने परामर्श देते हुए यह बात कही।पेट के रोगों का आयुर्वेदिक उपचार जानने के लिए हल्द्वानी से लेकर अल्मोड़ा, बागेश्वर व चम्पावत तक के पाठकों ने फोन किया। डा. जोशी ने आत्मीयता से पाठकों की समस्याएं सुनी और जरूरी परामर्श दिया। कहा कि विज्ञापन देखकर कुछ भी दवा लेने से पहले डाक्टर से परामर्श जरूर लें। बच्चों को छोटी-छोटी परेशानियों पर अंग्रेजी दवा देने के बजाय किचन में मौजूद अजवायन, जीरा जैसे घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए।
पेट संबंधी विकारों के कारण
भोजन का समय नियमित न होना
अनिद्रा या पर्याप्त नींद नहीं लेना
ठंडे व गर्म तासीर का भोजन एक साथ लेना
बासी या दूषित भोजन लेना
दिन भर निष्क्रिय रहना
डा. जोशी ने कहा कि कुछ भी खाने से बचना बहुत जरूरी है। आसानी से पाचन होने वाले के अलावा संतुलित आहार लेना चाहिए। शरीर के व्यवहार को समझे बिना कुछ भी खा लेने की आदत से पेट में ऐठन, नींद नहीं आना, पेट साफ नहीं रहने के अलावा लीवर, आंख, जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं आ सकती हैं। मट्ठा, दही का सेवन पेट के लिए फायदेमंद है।