उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड की चीन और नेपाल से लगी सीमा में पांच मोबाइल टावर तैयार

चीन और नेपाल सीमा पर लगाए जा रहे मोबाइल टावरों के बारे में विस्तार से जाकारी दी

पिथौरागढ़ : उत्तराखंड की चीन और नेपाल से लगी सीमा में पांच मोबाइल टावर तैयार हो गए हैं। दूरसंचार विभाग ने इनका ट्रायल शुरू कर दिया है। जल्द ही ग्रामीणों को संचार सेवा मिलने लगेगी। सीमा क्षेत्र में 28 मोबाइल टावर लगाए जाने हैं। यह जानकारी दूरसंचार विभाग के उपमहानिदेशक एके वर्मा ने जिला मुख्यालय में आयोजित माेबाइल टावर उत्सर्जन पर आयोजित एक कार्यशाला में विषय वक्ता के तौर पर दीउन्होंने कहा कि विदेशी सिमकार्ड और विदेशी संचार कंपनियों के सिग्नल से संचार सेवाओं का उपयोग टेलीग्राम अधिनियम का उल्लंघन है। यह दंडनीय अपराध है। उन्होंने चीन और नेपाल सीमा पर लगाए जा रहे मोबाइल टावरों के बारे में विस्तार से जाकारी दी।उन्होंने मोबाइल उत्सर्जन पर जानकारी देते हुए बताया कि मोबाइल टावर के एंटीना से बेहद कम उत्सर्जन होता है इससे मानव शरीर पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है। उत्सर्जन का स्तर विभाग के तय मानक से भी कम रखा जाता है। भारत में उत्सर्जन का स्तर विश्व आयोग के निर्धारित मानक से कम रखा जाता है।उन्हाेंने बताया कि डब्लूएचओ के वैज्ञानिक निष्कर्ष में भी यह बात साबित हो चुकी है कि मोबाइल उत्सर्जन का मानव शरीर पर किसी प्रतिकूल असर का कोई सबूत नहीं है। कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों सहित तमाम जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।चीन और नेपाल सीमा से लगे गांवों में मोबइल नेटवर्क न होने से जहां सीमांत की सुरक्षा खतरे में रहती है वहीं लोगों को भी काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। लंबे इंतजार के बाद भी सिस्टम इन क्षेत्रों को संचार सुविधा से जोडऩे में विफल रही है। ताज्जुब की बात यह कि लगभग समान भौगोलिक स्थिति वाले नेपाल और तिब्बत चीन में फोर जी सेवा चल रही है।पिथौरागढ़ जिले की धारचूला विधानसभा क्षेत्र में धारचूला तहसील की लगभग सौ किमी सीमा नेपाल से व तिब्बत से लगती है। मुनस्यारी तहसील की लंबी सीमा चीन से है। यह सारा क्षेत्र उच्च हिमालयी है। इन क्षेत्रों में 31 गांव शामिल हैं। यह सभी गांव संचार से विहीन हैं। मुनस्यारी तहसील के तल्ला जोहार क्षेत्र के लगभग 18 गांव संचार से विहीन हैं। इसी तरह डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र के तल्ला बगड़ से लेकर पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में पंचेश्वर तक की नेपाल सीमा पर भी संचार सेवा नहीं के बराबर है।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button