लेक ब्रिज टैक्स और पार्किंग पुराने ठेकेदारों को देने के पालिका बोर्ड के निर्णय पर रोक
कोर्ट के फैसले से पालिका बोर्ड की किरकिरी हो गई है।
नैनीताल : हाई कोर्ट ने नैनीताल पालिक की ओर से पार्किंग और लेक ब्रिज टैक्स का बिना टेंडर निकाले पुराने ठेकेदारों को 20 प्रतिशत धनराशि बढ़ाकर ठेका दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने पालिका बोर्ड के निर्णय पर रोक लगा दी। साथ ही टिप्पणी की, की पालिका बोर्ड को यह अधिकार नहीं है।कोर्ट के फैसले से पालिका बोर्ड की किरकिरी हो गई है। अब डीएसए पार्किंग को छोड़ अन्य निविदा नए सिरे से निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी। डीएसए पार्किंग का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अजय कुमार ने याचिका दाखिल कर कहा है कि नगरपालिका नैनीताल ने बिना टेंडर के चुंगी व पार्किंग का ठेका मनमानी से 20 प्रतिशत बढ़कर पुराने ठेकेदार को दे दिया है, जो नियमो के विरुद्ध है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है। कई लोग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाकर टेंडर में प्रक्रिया में प्रतिभाग करते हैं, जिसका सीधा फायदा सरकार को होता आया है।बिना निविदा प्रक्रिया पूरी किए ठेका अवधि बढ़ाना उन लोगों के अधिकारों का भी हनन है, जो इसमें प्रतिभाग करना चाहते हैं। नगर पालिका बोर्ड ने 25 मार्च 2022 को बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को पार्किंगों का ठेका दिया जाएगा। याचिका में 25 मार्च के आदेश पर रोक लगाने के साथ टेंडर प्रक्रिया करने की मांग की है। याचिका में यह भी मांग की है कि ठेका शीघ्र निरस्त किया जाय और पहली अप्रैल से एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इनसे वसूला जाए।