उत्तराखंड समाचार

शनिवार को मनाया जायेगा हनुमान जन्मोत्सव

मंदिरों में शुरू हो गई तैयारियां

देहरादून। हनुमान जन्मोत्सव पर 16 अप्रैल रविवार को खास संयोग बन रहा है। रविवार को रवि और हर्षण का खास संयोग होगा। वहीं इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र रहेगा। देशभर के साथ ही उत्‍तराखंड में खास कार्यक्रमों का आयोजन होगा। उत्‍तराखंड में आयोजनों का दौर शुरू हो गया। देहरादून स्थित बालाजी धाम झाझरा में शनिवार को हनुमान जी को सोने का चोला पहनाया जाएगा। इसके बाद अन्‍य अनुष्‍ठान किए जाएंगे। हनुमान जी को 56 भोग लगाया जाएगा। यहां संकट मोचन यज्ञ और हनुमान पाठ के बाद दोपहर 12 बजे भंडारा आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन की खास बात यह है कि यहां सवा 11 मन का लड्डू चढ़ाया जाएगा।

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की हनुमान परमेश्वर की भक्ति की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हैं। वह भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया, वह अत्यन्त प्रसिद्ध है। ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था। इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी टूट गई थी। इसलिये उनको हनुमान का नाम दिया गया। इसके अलावा ये अनेक नामों से प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि।

 

 

 

 

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