उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में सख्त किए जाएंगे रोपवे संचालन के नियम

झारखंड में रोपवे हादसे के बाद सरकार ने की पहल, रोपवे ऐक्ट को किया जा रहा नए सिरे से संशोधित

देहरादून। उत्तराखंड में रोपवे संचालन के नियम सख्त होने जा रहे हैं। इसके लिए रोपवे ऐक्ट को नए सिरे से संशोधित किया जा रहा है, जिसमें गृह विभाग की अहम भूमिका होगी। झारखंड में रोपवे हादसे के बाद सरकार ने यह पहल की है। उत्तराखंड में मौजूदा समय में सात जगह पर रोपवे परियोजनाएं संचालित हैं। इसमें निजी और सरकारी क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल हैं, जहां प्रतिवर्ष लाखों लोग सफर करते हैं। सरकार निकट भविष्य में धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर कुछ और परियोजनाओं पर काम कर रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार रोपवे संचालन के नियम-कायदे और सख्त करने जा रही है। हालांकि रोपवे को लेकर ऐक्ट पहले से ही मौजूद है। इसका नोडल अभी ब्रिडकुल है, जबकि लोनिवि और पर्यटन विभाग की भी जिम्मेदारी तय है। लेकिन मौजूदा ऐक्ट में किसी भी तरह के उल्लंघन पर जुर्माना या नियंत्रण का अभाव है। जबकि ऐसे मामलों में प्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार होने के बावजूद गृह विभाग की इसमें कोई भूमिका नहीं है। अब झारखंड में हुए रोपवे हादसे के बाद सरकार का ध्यान इस दिशा में गया है। केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों को रोपवे की सेफ्टी ऑडिट करने और नियम कायदों की नए सिरे से निगरानी करने को कहा है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने रोपवे ऐक्ट को नए सिरे से तय करने का निर्णय लिया है। अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, ‘उत्तराखंड में रोपवे ऐक्ट पहले से बना हुआ है लेकिन इसमें जुर्माना और नियंत्रण संबंधित कुछ अहम बिंदुओं का अभाव है। इसके चलते नए सिरे से ऐक्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है। प्रदेश में रोपवे की संख्या में इजाफे और बढ़ते पयर्टकों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया है।’

उत्तराखंड राज्य मे वर्तमान मे मौजूदा रोपवे औली, मसूरी, सुरकंडा, चंडी देवी, मंसा देवी, नैनीताल, सहस्रधारा हैं। जबकि प्रस्तावित रोपवे मे केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, देहरादून- मसूरी, ऋषिकेश- नीलकंठ, हरकी पैड़ी-चंडी देवी शामिल हैं।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button