विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुुभारम्भ
, बेनर, पम्पलेट एवं माकिंग आदि) के लिये समस्त तैयारिया पूर्ण कर ली गयी है।
सहारनपुर। मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजीव मागंलिक के नेतृत्व में माह अप्रैल 2022 में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान का शुुभारम्भ विधायक राजीव गुम्बर के करकमलो द्वारा आज रिवैम्पिंग केन्द्र पुराना अस्पताल, नेहरू मार्टिक में फीता काट कर उद्घाटन किया गया एवं जनजागरूकता रैली को हरी झण्डी दिखाई गयी।
डा0 संजीव मांगलिक द्वारा बताया कि उक्त अभियान को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में चलाये जाने हेतु नोडल विभाग नामित किया गया है। जिसका उदद्ेश्य संचारी रोगोें पर नियंत्रण हेतु जनता को जागरूक करना एवं रोगों से कैसे बचा जा सकता है के लियेे प्रेरित करना है तथा पूर्व वर्षो में संचारी रोग पखवाडा, संचारी माह मनाये जाने से प्रदेश में अब संक्रामक रोगों में काफी गिरावट आई है, इस अभियान में जनपद स्तर एवं ब्लॉक पर एएनएम, आशा, एवं आगनवाडी के सहयोग से संचारी रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर इस अभियान में संचारी रोग से बचाव हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार (होडिंस, बेनर, पम्पलेट एवं माकिंग आदि) के लिये समस्त तैयारिया पूर्ण कर ली गयी है। समस्त ब्लॉको पर उक्त अभियान का शुभारम्भ ब्लॉक के मा0 ब्लॉक प्रमुख एवं मा0 ग्राम प्रधान द्वारा किया जायेगा तथा इस अभियान को सफल बनाने हेतु शपथ दिलाई गयी है। माननीय विधायक राजीव गुम्बर जी द्वारा अन्तर्विगाीय समन्वय समिति के द्वारा किये जा रहे संचारी रोगों के नियंत्रण रोकथाम एवं बचाव आदि कार्यो की सरहाना की तथा लक्ष्य के प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार सहायता के लिये आश्वासन दिया गया। ज्ञानेन्द्र सिंह नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि संचारी रोगों से बचाव हेतु नगर क्षेत्र में नालियों की सफाई, गढढों को बन्द कराना, एन्टी लार्वा का छिडकॉव एवं फॉगिंग समय-समय पर कराई जा रही है। जिससे मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सकें। उन्होने बताया कि सभी पार्षदों को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने वार्ड में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देकर संचारी रोग अभियान को सफल बनाने में सहयोग दे। श्रीमती शिवॉका गौड जिला मलेरिया अधिकारी सहारनपुर द्वारा जानकारी दी गयी कि ग्राम में प्रातः समय में प्रभात फेरी का आयोजन, साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार, प्रधान वीएचएसएनसी के माध्यम से संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार के रोकथाम हेतु ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ का सधन प्रचार-प्रसार किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से फॉगिंग की व्यवस्था की जायेगी तथा स्वास्थ्य शिक्षा के अर्न्तगत ‘‘क्या करे क्या न करें‘‘ की जानकारी दी गयी तथा डब्लू0एच0ओ0/डीएमसी द्वारा इस अभियान का सर्वेलेन्स किया जायेगा। जिसकी रिर्पोट राज्य मुख्यालय को डब्लूएचओ द्वारा प्रेषित की जायेगी।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त श्री ज्ञानेन्द्र सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय यादव, डा0 आदित्य सैनी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0 सत्यप्रकाश, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, श्रीमती शिवॉका गौड, जिला मलेरिया अधिकारी, डा0 मीनू गोयल प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डा0 बी0आर0 सिंह, अपर मु0चि0अ0 वैटनरी, डा0 कुनाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, श्री मनोज कौशिक मलेरिया निरीक्षक, श्री धर्मेन्द्र पाल सिह मलेरिया निरीक्षक, कु0 अंजू जिला वी0बी0डी0 कन्सलटेन्ट, श्री अरविन्द कुमार ए0आर0ओ0, श्री राजेश रोहिला, डी0ई0ओ0 एवं अर्न्तविभागीय समन्वय समिति के समस्त विभाग शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, जल संस्थान, नगर निगम, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास, मनोरंजन विभाग, ग्राम विकास विभाग, सूचना विभाग, पशुुपालन विभाग, मत्सय विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, नागरिक सुरक्षा विभाग, एन0जी0ओ0, एवं यूनिसेफ/कौर के पदाधिकारी शामिल हुये।
क्या करे
- दिमागी बुखार का टीका जरूर लगवाएं।
- मच्छरों के काटने से बचें मच्छरदानी, मच्छर, अगरबत्ती या कॉयल वगैरह का प्रयोग करें। पूरे आस्तीन की कमीज, फुल पैट मोजे पहनें।
- सुअरों को घर से दूर रखें। रहने की जगह साफ सुथरा रखें एवं जाली लगवायें।
- पीने के लिए इंडिया मार्का हैण्ड पम्प के पानी का प्रयोग करें। पानी हमेशा ढक कर रखें छिछला हैण्ड पम्प के पानी को खाने पीने में प्रयोग न करें।
- पक्के व सुरक्षित शौचालय का प्रयोग करे।
- शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धोये।
- नाखूनों को काटतें रहें। लम्बे नाख्ूानों से भोजन बनाने व खाने से भोजन प्रदूशित होता है।
- दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं। यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोछते रहे।
क्या न करे-
- बेहोशी व झटके की स्थिति में मरीज के मुॅह में कुछ भी नही डालें।
- झोला छाप डाक्टरों के पास ना जायें।
- घर के आस पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
- इधर-उधर कूडा-कचरा व गंदगी न फेलायें।
- खुले मैदान या खेतों में शौच न करें।