प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य पर केन्द्र के हस्तक्षेप से घरेलू बाजार में मूल्य वृद्धि रुकी
। महाराष्ट्र के सभी बाजारों में प्याज की भारित औसत कीमत में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और खपत केन्द्रों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है।
नई दिल्ली। प्याज का निर्यात रोकने और घरेलू बाजारों में उपलब्धता बनाए रखने के लिए 29 अक्टूबर 2023 से 31 दिसम्बर 2023 तक प्याज पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू करने के सरकार के फैसले का असर महाराष्ट्र के बाजारों में तत्काल प्रभाव से दिखाई देने लगा है, जहां प्याज की कीमतों में पिछले सप्ताह दर्ज की गई उच्चतम कीमत से 5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। महाराष्ट्र के सभी बाजारों में प्याज की भारित औसत कीमत में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और खपत केन्द्रों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है।
उपभोक्ता कार्य विभाग स्थिर घरेलू कीमतें और उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर प्याज के निर्यात और कीमतों की निगरानी कर रहा है। नवम्बर महीने में बढ़ती मांग को देखते हुए, विभाग ने मंडी में बिक्री और उच्च कीमतों वाले केन्द्रों पर खुदरा उपभोक्ताओं को रियायती बिक्री कर प्याज का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बाजार में जारी करना शुरू कर दिया है। इसमें 170 से अधिक शहरों की 685 चलती-फिरती खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री शामिल है। नैफेड और एनसीसीएफ ने प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उच्च मूल्य केन्द्रों में वितरित करने के लिए खरीफ फसल की अतिरिक्त 2 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद भी शुरू कर दी है।