बसंत पंचमी के पावन पर्व में मां सरस्वती की पूजा
शिक्षा प्रारंभ या नई कला की शुरूआत इस दिन की जाती है।
फरीदाबाद। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर विद्यालय में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख श्रीमान गंगाशंकर मिश्र जी के मुख्य आतिथ्य में एवम श्रीमान कुशल पाल जी सह जिला कार्यवाहक, श्रीमान सुरेंद्र जी प्रचारक और श्रीमति शालिनी जी के गरिमामई उपस्थिति में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में यज्ञ का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है। यह मां सरस्वती की पूजा का दिन है। शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है। पुराणों और शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख
श्रीमान गंगाशंकर मिश्र जी ने बताया कि मां सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं। बसन्त पंचमी के दिन को इनके प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है – प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु। अर्थात ये परम चेतना हैं। मां सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और तभी से इस वरदान के फलस्वरूप हमारे देश में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होने लगी।प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा किइस अवसर पर पुरोहित का कार्य संजय मिश्रा ने संपन्न किया। यज्ञ में अध्यापकों शिवानी, सविता, पूनम, अंशुल, शर्मीला, हेमा, शिवम, प्रवीण, मौलिक मुख्याध्यापिका पूनम, सूबे सिंह सहित समस्त स्टाफ ने आहुति डाल कोरोना शांति और वैश्विक शांति की प्रार्थना की। प्राचार्य मनचंदा ने श्रीमान गंगाशंकर मिश्र, श्रीमान कुशल पाल, श्रीमान सुरेंद्र, और श्रीमति शालिनी का विद्यालय में पधारने पर धन्यवाद अर्पित किया।