पानी को तरस रही उत्तरी हरिद्वार की 30 हजार आबादी
भीषण गर्मी में पर्याप्त पानी न मिलने से स्थानीय निवासियों में रोष है।
हरिद्वार: उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग की ओर से भागीरथ बिदु से लेकर सर्वानंद घाट तक कराए जा रहे अनुरक्षण कार्य (ब्लाक निर्माण) की लेटलतीफी से उत्तरी हरिद्वार की करीब 30 हजार आबादी पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है। भीषण गर्मी में पर्याप्त पानी न मिलने से स्थानीय निवासियों में रोष है।
उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग भागीरथ बिदु से लेकर सर्वानंद घाट तक अनुरक्षण कार्य करा रहा है। इसके चलते गंगा की अविरल धारा को बंद कर दिया गया है। इसके चलते सर्वानंद घाट के सामने स्थित जल संस्थान का कुंआ भलीभांति रिचार्ज नहीं हो पा रहा है। इससे पंपिग में दिक्कत आ रही है। फिलवक्त स्थिति यह है कि उत्तरी हरिद्वार की करीब 25 से 30 हजार आबादी को रोजाना सुबह शाम एक-एक घंटे ही पानी मिल पा रहा है। वहीं धर्मनगरी का पारा तेजी से चढ़ रहा है। सूरज की तपिश असहनीय हो रही है। ऐसे में मांग के अनुरूप पानी की आपूर्ति न होने से स्थानीय निवासियों में रोष पनप रहा है। स्थानीय निवासी रतनमणि डोभाल, सागर जोशी, आकाश भाटी, नितिन यादव आदि ने बताया कि फरवरी में निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। 10 दिन में इसे पूरा कराने का लक्ष्य था। मार्च बीतने को है लेकिन काम अधूरा पड़ा है। निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा, विभागीय अधिकारी इसका सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
निर्माण कार्य की लेटलतीफी के कारण व्यापारियों को भी समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। उत्तरी हरिद्वार के घाटों पर व्यापार कर आजीविका चलाने वालों का रोजगार छिन गया है। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में बीते मंगलवार को व्यापारी सिचाई विभाग के अधिकारियों से कार्य में तेजी लाने की मांग भी कर चुके हैं। सप्ताहभर के भीतर कार्य पूरा न होने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी जा चुकी है, लेकिन विभाग अब भी पुरानी चाल चल रहा है।