भगवान विष्णु का एक भव्य मंदिर आदिबद्री मंदिर
आदिबद्री मंदिर के दर्शन के बाद तुलसी से बना चरणामीर्त ग्रहण करता है। भगवान विष्णु की सदैव उसपर कृपा दृष्टि रहती है।
देहरादून, 26 मई। कर्णप्रयाग से 17 किलोमीटर तथा चांदपुर गढ़ी से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर भगवान विष्णु का एक भव्य मंदिर है। जहाँ नारायण “आदिबद्री” के नाम से जाने जाते हैं। यह मंदिर विष्णु को समर्पित है। आदिबद्री में जागेश्वर मंदिर समूहों के जैसे 16 मंदिरों का समूह हुआ करता था। जो मौजूदा वक्त में 14 रह गए हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में पंचबद्री (आदिबद्री, ध्यान बद्री, योग बद्री, बद्रीनाथ, भविष्य बद्री) भगवान विष्णु को समर्पित हैं। मंदिर के कपाट सालभर भक्तों के लिए खुले रहते हैं। लेकिन पूस महीने की 14 तारीख से जनवरी में मकरसंक्राति तक मंदिर के कपाट एक माह के लिए बंद किये जाते हैं। आदिबद्री मंदिर में भी पूजा का विधान बद्रीनाथ मंदिर के जैसा है। यहाँ प्रातः भगवान विष्णु का स्नान और साज सज्जा के बाद कपाट खोले जाते हैं और आरती की जाती है। वहीं संध्या में भी भगवान की आरती के बाद मंदिर के द्धार बंद कर दिये जाते हैं। भगवान बद्रीनाथ से मंदिर के दर्शनों से पहले आदिबद्री मंदिर के दर्शन की मान्यता है। कहते हैं कि जो आदिबद्री मंदिर के दर्शन के बाद तुलसी से बना चरणामीर्त ग्रहण करता है। भगवान विष्णु की सदैव उसपर कृपा दृष्टि रहती है।