उत्तराखंड समाचार

राज्यपाल ने दिया कृषि की महत्ता पर जोर

उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में हैं

देहरादून 24 अप्रैल। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) सोमवार को राजभवन से दून विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड आर्थिक संघ के 18वें सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली सम्बोधित किया। उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में हैं, और हमने मिलकर पिछले कुछ वर्षों में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने अपने-अपने विकास पथ चुने हैं, तो अवसरों को साझा करने के साथ साथ हमने कुछ सामान्य चुनौतियों का सामना भी किया है। राज्यपाल ने कृषि की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि कृषि दोनों राज्यों के लिए एक प्राथमिक उद्योग है। हमारा आधे से अधिक कार्यबल विभिन्न प्रकार के अनाज, जैविक उत्पादन और फसलों के निर्माण, उत्पादन और विकास में शामिल है। साथ ही प्राकृतिक आपदा, मौसम की स्थिति, सिंचाई के खतरों और सीमित बाजार पहुंच के कारण, दोनों राज्यों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होने कहा कि इन समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान खोजना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि अवस्थापना इस एसोसिएशन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है जो दोनों राज्यों में आर्थिक विकास में वृद्धि का सूचक है। हम कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उत्तर प्रदेश या उत्तराखण्ड में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के पास बिजली, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं हों। हमारी राज्य सरकारों ने भी स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे है। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन दोनों ही राज्यों के विकास की धुरी है। साहसिक, आध्यात्मिक और वेलनेस संबंधी पर्यटक हर साल बड़ी मात्रा में उत्तराखण्ड आते हैं। उत्तराखण्ड देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों का घर है, जिसमें हमारे देश भर के छात्र उपस्थित हैं। अपने योग और वेलनेस के लिए जाने जाने वाले ऋषिकेश साल-दर-साल पर्यटकों के स्कोर को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा विकास और विकास पर विचार-विमर्श करने के लिए, हमें पहले अपनी धारणा को पहचानना होगा और स्थायी और समावेशी विकास के प्रति इसके बड़े स्वरूप को आकार देना होगा। क्षेत्रीय विकास दोनों राज्यों की वृद्धि और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है, और यह आवश्यक है कि सरकार और अन्य हितधारक इन राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विकास प्राप्त करने की दिशा में काम करें। राज्यपाल ने कहा कि हमें ध्यान देना होगा कि विकास और प्रगति के इस मार्ग में हम महिलाओं की भी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। महिला सशक्तिकरण से ही हम सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन की चर्चाओं और विचार विमर्श से सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे और सम्मेलन से निकलने वाली सिफारिशें और समाधान उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में मदद करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button