उत्तराखंड समाचार

शांतिकुंज में पहुंची ओलम्पिक मेडलिस्ट मुक्केबाज लवलीना

आपको देखकर अनेकानेक बच्चे भी प्रेरित होकर बॉक्सिंग को कैरियर के रूप में सोच रहे हैं।

भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

हरिद्वार। अपने उत्तराखण्ड प्रवास के दौरान ओलम्पिक मेडलिस्ट मुक्केबाज लवलीना अपने कोच व परिवार के साथ शांतिकुंज पहुंची। यहाँ उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख शैलदीदी ने भेंट कर आगामी प्रतियोगिता के लिए आशीष एवं मार्गदर्शन लिया। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने टोक्यो ओपम्पिक 2020 में भारत का नाम रोशन करने वाली लवलीना बोरगोहन, उनके कोच श्री गरिया को मंगल तिलक एवं गायत्री महामंत्र लिखिल उपवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। कहा कि आपने जिस तरह नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत का नाम रोशन किया है, यह मन को आनंदित करता है। आपको देखकर अनेकानेक बच्चे भी प्रेरित होकर बॉक्सिंग को कैरियर के रूप में सोच रहे हैं। शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि सीखने और सिखाने की प्रक्रिया का पालन करने भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
हरिद्वार। अपने उत्तराखण्ड प्रवास के दौरान ओलम्पिक मेडलिस्ट मुक्केबाज लवलीना अपने कोच व परिवार के साथ शांतिकुंज पहुंची। यहाँ उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख शैलदीदी ने भेंट कर आगामी प्रतियोगिता के लिए आशीष एवं मार्गदर्शन लिया। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने टोक्यो ओपम्पिक 2020 में भारत का नाम रोशन करने वाली लवलीना बोरगोहन, उनके कोच श्री गरिया को मंगल तिलक एवं गायत्री महामंत्र लिखिल उपवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। कहा कि आपने जिस तरह नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत का नाम रोशन किया है, यह मन को आनंदित करता है। आपको देखकर अनेकानेक बच्चे भी प्रेरित होकर बॉक्सिंग को कैरियर के रूप में सोच रहे हैं। शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि सीखने और सिखाने की प्रक्रिया का पालन करने वाले मनुष्य सदैव ऊँचा उठता है। इसके पश्चात लवलीना अपने परिवार के साथ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय पहुंची और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने भेंट की। इस दौरान खेल व खिलाड़ी के जीवनचर्या सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर वे काफी प्रसन्न दिखाई दी। अपनी भावाव्यक्ति व्यक्त करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने कहा कि मुझे शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के वातावरण ने आनंदित किया। यहाँ जैसे शांत व सौम्य वातावरण मैंने पहली बार देखा है। उन्होंने कहा कि अनेकानेक लोगों के साथ मैंने सामूहिक गायत्री महायज्ञ भाग लिया, जो मेरे लिए सुखद आश्चर्य करने वाला पल रहा। यहाँ प्राकृतिक वातावरण के साथ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में जुटे लोगों का आत्मीयतापूर्ण व्यवहार काफी अच्छा लगा। बताते चलें कि असम की रहने वाली लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलम्पिक में भारत को मेडल दिलाने वाली दूसरी महिला मुक्केबाज है। और इन दिनों वे आगामी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के तैयारी में जुटी हैं।

वाले मनुष्य सदैव ऊँचा उठता है। इसके  पश्चात लवलीना अपने परिवार के साथ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय पहुंची और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने भेंट की। इस दौरान खेल व खिलाड़ी के जीवनचर्या सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर वे काफी प्रसन्न दिखाई दी। अपनी भावाव्यक्ति व्यक्त करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने कहा कि मुझे शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के वातावरण ने आनंदित किया। यहाँ जैसे शांत व सौम्य वातावरण मैंने पहली बार देखा है। उन्होंने कहा कि अनेकानेक लोगों के साथ मैंने सामूहिक गायत्री महायज्ञ भाग लिया, जो मेरे लिए सुखद आश्चर्य करने वाला पल रहा। यहाँ प्राकृतिक वातावरण के साथ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में जुटे लोगों का आत्मीयतापूर्ण व्यवहार काफी अच्छा लगा। बताते चलें कि असम की रहने वाली लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलम्पिक में भारत को मेडल दिलाने वाली दूसरी महिला मुक्केबाज  है। और इन दिनों वे आगामी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के तैयारी में जुटी हैं।

 

 

 

 

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