एसटीएच में एक फिजीशयन के हवाले 331 मरीज, डाक्टरों की कमी से मरीज परेशान
पर्ची काउंटर से लेकर डाक्टरों की ओपीडी के बाहर लंबी कतार रही।
हल्द्वानी। डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में अजीब स्थिति हो गई है। जिस विभाग में सबसे अधिक मरीजों की संख्या रहती है, वहीं सबसे कम डाक्टर हैं।मंगलवार को दो दिन बाद अस्पताल खुला। मेडिसिन विभाग में एक फिजीशियन ने 331 मरीज देखे। सभी विभागों में 1874 मरीज पहुंचे।राजकीय मेडिकल कालेज के एसटीएच में नेशनल मेडिकल कमीशन के मानक के अनुसार 30 डाक्टर होने चाहिए, लेकिन तीन ही कार्यरत हैं। जबकि पीजी की 12 सीटें भी संचालित हैं।रविवार व सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के चलते अस्पताल बंद था। मंगलवार को अस्पताल खुलते ही मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। पर्ची काउंटर से लेकर डाक्टरों की ओपीडी के बाहर लंबी कतार रही। सबसे अधिक 331 मरीज मेडिसिन विभाग में थे, जहां एकमात्र डाक्टर परमजीत सिंह ही बैठे थे।इस विभाग में तीन डाक्टर होने से अलग-अलग दिन ड्यूटी रहती है। ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से दो बजे तक है, लेकिन शाम चार बजे तक मरीज देखे गए।डा. सिंह ने बताया कि वायरल फीवर के मरीज अधिक थे। बाकी अन्य बीमारियों के मरीज पहुंचे थे। वैसे इस समय बुखार, खांसी के लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन यह बीमारी कुछ दिन बाद ठीक हो जा रही है।इन मरीजों को कोविड जांच कराने की भी सलाह दी जा रही है। वहीं, सामान्य दिनों में अस्पताल में 1200 से 1400 तक मरीज पहुंचते हैं।राजकीय मेडिकल कालेज में 24 विभाग में हैं। जहां इस समय पीजी की 65 सीटों के मुताबिक 400 से अधिक डाक्टरों की जरूरत है, लेकिन 150 ही कार्यरत हैं। इसके लिए समय-समय पर साक्षात्कार होते हैं। फिर भी डाक्टर ज्वाइन करने को तैयार नहीं हैं।मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्राे अरुण जोशी ने बताया कि मेडिसिन विभाग में डाक्टर कम हैं। इसकी वजह से थोड़ी परेशानी रहती है। डाक्टरों के चयन के लिए लगातार साक्षात्कार हो रहे हैं। शासन स्तर पर भी डाक्टरों की नियुक्ति के प्रयास चल रहे हैं।