शहद, रॉयल जेली, पराग बढ़ा सकती है अतिरिक्त आमदनी
प्रशिक्षण खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखंड आर्गेनिक परिषद नेशनल बी बोर्ड दिल्ली के सहयोग दिया जा रहा है।
ज्योलीकोट (नैनीताल)। मौन पालन केंद्र में शहद मिशन के अंतर्गत रविवार को कुमाऊं मंडल स्तरीय सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। यह प्रशिक्षण खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखंड आर्गेनिक परिषद नेशनल बी बोर्ड दिल्ली के सहयोग दिया जा रहा है। विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को बताया कि मौन पालन से किसान शहद के साथ रॉयल जेली, पराग, मोम आदि के उत्पाद तैयार कर अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं। यह उत्पाद शहद से अधिक कीमती और आर्थिक मजबूती देने में सहायक हैं।केंद्रीय मधुमक्खी शोध संस्थान पुणे के पूर्व सहायक निदेशक डॉ. के लक्ष्मी राव ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से मौन पालन आर्थिक समृद्धि के साथ ही कृषि उत्पादों की वृद्धि करने में भी कारगर है। विषय विशेषज्ञ दिलीप बोरा, शिवालिक नेचुरल प्रोडक्ट के निदेशक अतर सिंह, वरिष्ठ कीट विद आरके सिंह, पीएस कनवाल, डॉ. रश्मि जोशी, गुंजिता जोशी, यशोदा, डॉ. सुरभि पांडे, जेसी कनवाल ने वैज्ञानिक तरीके से मौन पालन और उत्पाद पर विशेष जानकारी दी। प्रशिक्षण में विभिन्न जनपदों के 50 से अधिक प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस दौरान हरीश, अनूप चमियाल, हिमांशु जीना, शिवम साह, विनोद आदि मौजूद रहे।