झील से पानी निकासी में मौसम बन सकता है बाधक
निरीक्षण के दौरान भी मौसम खराब रहा। बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
बागेश्वर। शंभू नदी में बनी झील से पानी निकासी का काम श्रमिकों की मदद से करवाया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने झील का निरीक्षण कर लिया है। झील तक पोकलैंड मशीन ले जाने का रास्ता भी तलाशा गया लेकिन खराब मौसम के कारण मशीन के फंसने की आशंका को देखते हुए विभाग श्रमिकों की मदद से ही मलबा हटाने पर विचार कर रहा है। हालांकि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी से नदी में जमा मलबे को हटाने के लिए काफी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।कुंवारी गांव की दरकती पहाड़ी से शंभू नदी में गिर रहे मलबे से बनी झील को खोलने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग को सौंपी है। विभाग के अपर सहायक अभियंता प्रकाश सिंह नेगी और क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक कुंदन प्रसाद ने झील का निरीक्षण किया। नेगी का कहना है कि निरीक्षण के दौरान भी मौसम खराब रहा। बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है। हालांकि झील से पानी की निकासी भी हो रही है, जिसके चलते फिलहाल किसी तरह का खतरा नहीं है।उन्होंने बताया कि झील तक पोकलैंड मशीन ले जाने के लिए रास्ता भी तलाशा गया लेकिन खराब मौसम को देखते हुए मशीन को वहां तक ले जाना जोखिम का काम है। मलबा हटाने के दौरान बहाव तेज होने से मशीन के फंसने की आशंका है। ऐसे में विभाग फिलहाल 20-25 श्रमिक लगाकर झील से धीरे-धीरे पानी की निकासी करवाने पर विचार कर रहा है।बृहस्पतिवार को फिर से विभागीय अधिकारी झील का निरीक्षण करने रवाना हो गए हैं। इस बार श्रमिकों को झील तक ले जाकर मलबा हटाने के लिए योजना बनाई जाएगी। अगर मौसम ने साथ दिया तो एक-दो दिन के भीतर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
शंभू नदी का विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय पटवारी ने निरीक्षण कर लिया है। मौसम साफ रहा तो पोकलैंड मशीन से मलबा हटाया जाएगा। अगर बारिश का दौर जारी रहा तो सुरक्षित तरीके से श्रमिकों की मदद से मलबा हटाकर झील से पानी की निकासी कराई जाएगी।