उत्तराखंड समाचार

नैनीताल जिले में आंधी-पानी से आम और आम का काफी नुकसन, उद्यान विभाग कराएगा सर्वे

दो बार की आंधी ने इस बार आम लीची के किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है।

रामनगर : दो बार की आंधी ने इस बार आम लीची के किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। मौसम की मार से 45 प्रतिशत लीची व 30 फीसद आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। रामनगर ब्लाक में आठ सौ हेक्टेयर में आम व नौ सौ हेक्टेयर में लीची के बगीचे है।इस बार आम व लीची की फसल पिछले साल की तुलना में आधी है। सोमवार रात को आई आंधी से बगीचों में लीची के पेड़ जड़ से उखड़ गए। करीब सौ से ज्यादा पेड़ उखडऩ़े का अनुमान उद्यान विभाग लगा रहा है। मंगलवार को पेड़ व फसल का नुकसान होने पर काश्तकार उद्यान विभाग के कार्यालय पहुंचे थे। उद्यान विभाग ने कर्मचारी भेजकर सर्वे किए जाने का आश्वासन देकर रिपोर्ट तैयार करने की बात कही।उद्यान विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह परवाल ने बताया कि क्षेत्र में दो बार आंधी आई है। आंधी से 45 प्रतिशत लीची व 30 फीसद आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा छह से दस साल तक वाले पेड़ उखड़े हैं। इसके अलावा आम व लीची की फसल भी खराब हुई है। हर बगीचे में जाकर नुकसान की जानकारी जुटाई जाएगी।जिला उद्यान अधिकारी डा. नरेंद्र कुमार का कहना है कि तेज हवा से नुकसान तो पहुंचा होगा। पर कितना पहुंचा है इसकी सही स्थिति तो विभाग के सर्वे में सामने आएगा। वह स्वयं भी रामनगर में नुकसान का जायजा लेने जा रहे हैं। अभी कितना नुकसान हुआ यह बता पाना अभी संभव नहीं हैआंधी-तूफान से भीमताल, धारी, ओखलकांडा और रामगढ़ में फल पट्टी को खासा नुकसान पहुंचा है। काश्तकारों ने बताया कि आडू, नाशपाती, पुलम, खुमानी आदि की लगभग पचास प्रतिशत से अधिक फसल प्रभावित हो गई है। आडू की पकी फसल पकी बरसात और तेज हवा के चलते टूट गई। सूपी निवासी सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि रामगढ़ में सबसे अधिक फलों को नुकसान पहुंचा है।

 

 

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