कैसे बढ़ेगी प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या
एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है।
देहरादून। प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई गई है। जबकि एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों पर दाखिला प्रक्रिया संपन्न करवाने का भी दबाव है। शिक्षक संगठनों ने प्राइमरी स्कूलों से कम से कम शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाने की मांग की है। दरअसल, गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां दो शिक्षक तैनात हैं। अब एक शिक्षक की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में रहेगी तो दूसरे शिक्षक पर ही बच्चों की पढ़ाई और दाखिले का कार्य होगा। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सभी शिक्षकों को लक्ष्य दिया गया है, लेकिन जब ज्यादातर शिक्षक 18 अप्रैल तक 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में तैनात रहेंगे तो नए छात्रों को विद्यालय में प्रवेश कौन दिलाएगा। प्राथमिक शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों से कम से कम शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई जाए, ताकि वह नए दाखिले पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उधर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गब्र्याल ने कहा कि शिक्षा निदेशालय की तरफ से जो ड्यूटी चार्ट बनाया गया था, उसके अनुसार शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई गई है। शासन ने बोर्ड परीक्षा के नाम पर शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन पर तो प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन स्वयं की व्यवस्था को नजरअंदाज कर दिया। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। छात्रों के प्रवेश के अलावा निश्शुल्क पुस्तक वितरण भी समय पर करना होगा। ऐसे में यदि विद्यालयों में शिक्षक नहीं होंगे तो कार्य प्रभावित होगा।