उत्तराखंड में दोहराई गई बंगाल की कहानी, ममता बनर्जी की तरह धामी भी हारकर बने सीएम
उत्तराखंड का सियासी समीकरण इन दिनों प. बंगाल की राजनीति जैसा बना हुआ है।
नैनीताल :उत्तराखंड का सियासी समीकरण इन दिनों प. बंगाल की राजनीति जैसा बना हुआ है। बीते साल बंगाल में हुए चुनाव में जहां रजनीतिक विश्लेषक दावा कर रहे थे कि राज्य में भाजपा की सरकार आ सकती है, वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस के आने की संभावनाएं जताई जा रही थीं। लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत। बंगाल में टीएमसी को दो सौ से अधिक सीटें मिलीं, जबकि उत्तराखंड में दोबारा भाजपा को बहुमत मिलादोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी ही सीट पर चुनाव हार गए। जहां नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी को बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी ने पराजित कर दिया वहीं पुष्कर सिंह धामी को उनकी ही सीट पर कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने मात दी। हारने के बाद अब ममता बैनर्जी की तरह पुष्कर सिंह धामी भी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि धामी के सामने अभी छह माह के अंदर उपचुनाव में जीत दर्ज करने की चुनौती है। ऐसे में पार्टी उनके लिए कोई सुरक्षित सीट तलाशेगी।पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी की वापसी तो हुई, लेकिन नंदीग्राम सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। टीएमसी से बागी और बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने कड़े मुकाबले में उन्हें 1622 वोटों से हरा दिया था। हालांकि इसके बाद राज्य में चार सीटों पर हुए उपचुनावों में टीमसी क्लीन स्विप कर गई। मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं।हालांकि ममता बनर्जी की हार को भाजपा ने लगातार निशाने पर रखा। बीजेपी की आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने तब मामता पर अटैक करते हुए कहा था कि इस करारी हार के बाद ममता बनर्जी को अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने का क्या नैतिक अधिकार है? उनहोंने ममता की हार को टीएमसी की जीत पर धब्बा बताया था। वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष श्रीप्रताप बनर्जी ने तंज करते हुए कहा था कि देश में ऐसा कभी नहीं हुआ जब किसी हारे उम्मीदवार ने खुद को सीएम बना लिया हो।उत्तराखंड में बंगाल की कहानी दोहराई जा रही है। ममता बनर्जी की तरह पुष्कर सिंह धामी भी चुनाव हारने बाद आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि तक भाजपा ने मामता बनर्जी पर नैतिकता को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाए थे, लेकिन उत्तराखंड में भी भाजपा के सामने अब वैसा ही सियासी समीकरण बन गया है। काफी मशक्कत के सीएम की रेस में शामिल तमाम नामों को दरकिनार कर पार्टी ने एक बार फिर धामी पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक और मौका दिया है। शपथ ग्रहण की तैयारियों जोर शोर से चल रही हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजदू रहेंगे। बता दें कि धामी को खटीमा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने पांच हजार से अधिक वाेटों से पराजित किया था।