युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ें: महेंद्र शर्मा
संचालन के लिए उच्च प्रशिक्षित केंद्रीय टोलियां रवाना होंगी।
हरिद्वार: शांतिकुंज व्यवस्थापक महेंद्र शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य और देश के कर्णधार संस्कृतिनिष्ठ, संवेदनशील युवा होते हैं। ऐसे युवाओं को समय-समय पर मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है, जिससे वह अपने कार्यों को और अधिक गति दे सकें। कहा कि कोरोना काल के बाद युवाओं के साथ सभी आयु वर्ग के मन को और अधिक सुदृढ़ बनाए रखने के लिए प्रेरित करना होगा। महेंद्र शर्मा शांतिकुंज में विभिन्न राज्यों के चयनित प्रतिभागियों के पांच दिवसीय पुनर्बोधन शिविर के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
पुनर्बोधन शिविर में मप्र, उत्तराखंड, राजस्थान, उप्र, गुजरात सहित 11 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। शिविर में 14 सत्र हुए, जिसमें विषय विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी दी। समापन सत्र को संबोधित करते हुए महेंद्र शर्मा ने कहा कि शांतिकुंज की केंद्रीय टोली गांव-गांव, घर-घर जाएगी और सबको धर्म और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगी। कहा कि धर्म और संस्कृति से जुड़कर समय की पाबंदी के साथ बड़े से बड़ा कार्य सुगमतापूर्वक किया जा सकता है। उन्होंने पौधारोपण, जल संरक्षण जैसे विभिन्न रचनात्मक कार्यों से युवा पीढ़ी को जुड़ने का आह्वान किया। विभाग समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि उप्र, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, दिल्ली, जम्मू, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा समेत 22 राज्यों में एक मार्च से 15 जून तक देव परिवार विस्तार कार्यक्रम के तहत विभिन्न आयोजन होंगे। इनके संचालन के लिए उच्च प्रशिक्षित केंद्रीय टोलियां रवाना होंगी। उन्होंने बताया कि गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय डा. प्रणव पंड्या और शैलदीदी टोली को विदाई देंगे। पांच दिन चले इस शिविर को डा. ओपी शर्मा, प्रो. विश्वप्रकाश त्रिपाठी, केदार प्रसाद दुबे, कैलाश महाजन, योगेंद्र गिरी, नमोनारायण पांडेय आदि ने संबोधित किया।