उत्तराखंड समाचारधर्म

इस वर्ष 60 दिन का होगा सावन : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

साल 2023 में सावन एक नहीं बल्कि दो महीने यानी 60 दिन का होगा। साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहे हैं

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की साल 2023 में 12 नहीं 13 महीने होंगे क्योंकि अगले साल अधिक मास का महीना भी रहेगा। अधिक मास में शुभ कार्य करने की मनाही होती है लेकिन पूजा-पाठ की दृष्टि से अधिक मास विशेष महत्व रखता है। हिंदू पंचांग के अनुसार नया साल शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि साल 2023 में सावन एक नहीं बल्कि दो महीने यानी 60 दिन का होगा। साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहे हैं जिसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। नए साल में सावन 4 जुलाई से 17 जुलाई तक रहेगा। ये सावन का कृष्ण पक्ष होगा। इसके बाद 18 जुलाई से सावन अधिक मास शुरू हो जाएगा जो 16 अगस्त तक रहेगा। फिर 16 अगस्त से 31 अगस्त तक श्रावण का शु्क्ल पक्ष रहेगा। इस बार सावन में महादेव की भक्ति के लिए श्रद्धालुओं को 2 महीने का समय मिलेगा।
सावन सोमवार 2023 मे 8 होंगे :-
पहला सावन सोमवार – 10 जुलाई
दूसरा सावन सोमवार – 17 जुलाई
तीसरा सावन सोमवार – 21 अगस्त
चौथा सावन सोमवार – 28 अगस्त
अधिक मास के सावन सोमवार 2023 :-
अधिक मास का पहला सावन सोमवार – 24 जुलाई
अधिक मास का दूसरा सावन सोमवार – 31 जुलाई
अधिक मास का तीसरा सावन सोमवार – 7 अगस्त
अधिक मास का चौथा सावन सोमवार – 14 अगस्त
सावन सोमवार का महत्व :- पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है और इस परंपरा को लोग सदियों से निभाते चले आ रहे हैं. भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना होता है सावन। सोमवार और सावन दोनों ही शिव को अति प्रिय है। मान्यता है कि सावन सोमवार व्रत में पूरी श्रद्घा के साथ भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की आराधना करने से मनचाहा वरदान मिलता है। विवाह में आ रही बाधाएं, संतान सुख, धन लाभ, रोग से मुक्ति पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत बहुत लाभकारी माना गया है। शिव जी के इस प्रिय मास में विवाहित महिलाएं सौभाग्यवती की कामना के लिए पूरे सावन सोमवार का विधिवत व्रत-पूजन करती है। सावन सोमवार भोलेनाथ को प्रसन्न करने का दिन है. इसमें की गई पूजा-पाठ, नियम शीघ्र फल प्रदान करते हैं।
श्रावण मास हिंदी कैलेंडर में पांचवें स्थान पर आता हैं और इस ऋतु में वर्षा का प्रारंभ होता हैं। शिव जो को श्रावण का देवता कहा जाता हैं उन्हें इस माह में भिन्न-भिन्न तरीकों से पूजा जाता हैं। पूरे माह धार्मिक उत्सव होते हैं और विशेष तौर पर सावन सोमवार को पूजा जाता हैं। भारत देश में पूरे उत्साह के साथ सावन महोत्सव मनाया जाता हैं।

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