दिवस धूमधाम से मनाया 73वां गणतंत्र
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कोविड गाइडलाइन के अनुसार आयोजित किए गए कार्यक्रम
देहरादून। गणतंत्र दिवस पर परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से पहुंचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने झंडारोहण किया करते हुए परेड की सलामी ली। इस दौरान आठ प्लाटूनों की ओर से परेड में हिस्सा लिया। परेड में टूआईसी, आइटीबीपी, पंजाब पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, 40वीं वाहिनी पीएसी, 40वीं वाहिनी पीएसी महिला, उत्तराखंड होमगार्ड, प्रांतीय रक्षक दल और गौरव सेनानी ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने विशिष्ट कार्य के लिए 31वी पीएसी के सेनानायक प्रीति प्रियदर्शिनी, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा तृप्ति भट्ट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह व अपर पुलिस अधीक्षक उधमसिंह नगर ममता वोहरा को सराहनीय एवं सेवा पदक जबकि दारोगा मोहम्मद यासीन को उत्कृष्ट सेवा के लिए राज्यपाल सेवा पदक से सम्मानित किया। वहीं, विशिष्ट सेवा के लिए अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अभिनव कुमार को राष्ट्रपति का पुलिस पदक देने की घोषणा की। इसी तरह पुलिस उपाधीक्षक जिला चमोली, पुलिस उपाधीक्षक पुलिस मुख्यालय नंदन सिंह, पुलिस उपाधीक्षक जिला पौड़ी गढ़वाल गणेश लाल, निरीक्षक अभिसूचना महेश चंद्र और उप निरीक्षक जिला चम्पावत रमेश चंद्र भट्ट को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक देने की घोषणा की। आइटीबीपी के हिमवीरों ने उत्तराखंड के 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित औली में शून्य से 20 डिग्री नीचे सेल्सियस तापमान में गणतंत्र दिवस मनाया। इस दौरान हिमवीरों ने तिरंगा लेकर बर्फ में स्कीइंग की।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार ने ध्वजारोहण कर गणतंत्र दिवस संकल्प की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने पुलिस कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिह्न, सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न प्रदान कर सभी पदक विजेताओं को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य है संविधान की रक्षा करना।
भारतीय पर्वतारोहण एवं स्किइंग संस्थान औली आईटीबीपी की ओर से औली में गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। औली में ग्लास हाउस मैदान में प्रधानाचार्य आइजी एसबी शर्मा ने परेड की सलामी ली। इस अवसर पर प्रधानाचार्य एसबी शर्मा ने कहा कि हिमवीरों को भारत चीन सीमा पर युद्ध सहित प्राकृतिक आपदा, हिमालयी चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार किए जाता है। यहां से प्रशिक्षित होकर जवान उच्च हिमालयी विषम भौगोलिक परिस्थितियों में देश और सरहद की रक्षा करता है। यहां पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने वाली कठिनाइयों से लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है। 1973 से स्थपित यह केंद्र जवानों को इस तरह का हजारों प्रशिक्षण दे चुका है। उन्होंने हिमवीरों की बॉर्डर पर मुस्तैदी से सीमा पर सुरक्षा के लिए बधाई दी। इस अवसर पर डीआइजी यशपाल सिंह, डिप्टी कमांडेंट ओलंपियन नानक चंद ठाकुर सहित सैकड़ों जवान मौजूद रहे।