उधार लेकर पुष्टाहार बांट रहा है बाल विकास विभाग, बेपटरी हो रही कल्याणकारी योजना
पुष्टाहार वितरण जैसी महत्वपूर्ण योजना के लिए भी सरकार बजट नहीं दे रही है।
पिथौरागढ़: पुष्टाहार वितरण जैसी महत्वपूर्ण योजना के लिए भी सरकार बजट नहीं दे रही है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में सामान्य जाति के लिए पिछले चार माह से पुष्टाहार बजट नहीं मिला है। बजट की कमी के चलते कनालीछीना और पिथौरागढ़ के केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण ठप है।बाल कल्याण योजना के तहत शून्य से तीन वर्ष के बच्चों के साथ ही गर्भवती और धात्री महिलाओं को पुष्टाहार वितरित किया जाता है। पुष्टाहार की इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य जाति के लिए अलग-अलग बजट जारी किया जाता है।अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए बजट की कोई समस्या नहीं है। इन दोनों वर्गों के लिए बजट नियमित रूप से मिल रहा है, लेकिन सामान्य जाति के लिए मिलने वाला बजट पिछले चार माह से जारी नहीं हुआ है। विभाग को पुष्टाहार बांटने के लिए बाजार से पुष्टाहार में दी जाने वाली सामग्री गुड़, दलिया, नमक, चना और चना दाल बाजार से उधार लेनी पड़ रही है।पुष्टाहार योजना बहुत ही अच्छी व परिणामदायक योजना रही है। इससे समाज के वंचित नौनिहालों को काफी राहत मिल रही है। आंगनबाड़ी में इसके बंटने से बच्चे पढ़ाई के लिए आने व स्कूल ड्रापआउट में कमी देखी गई है। पर कोविड काल के बाद से इस मद में आने वाले पैसे का अावंटन न होने से यह कल्याणकारी योजना दम तोड़ रही है। लोगों का कहना है कि यदि यह बंद होती है उनकी हालात पहले की तरह हो जाएगी।विभाग पर अब तक लाखों का कर्ज चढ़ चुका है। उधार देने वाले व्यापारी भी धीरे-धीरे हाथ खड़े कर रहे हैं। उधार लेने के बावजूद पिथौरागढ़ और कनालीछीना के बड़े केंद्रों में सामान्य जाति को पुष्टाहार नहीं मिल पा रहा है।पिथौरागढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील गौरव ने बताया कि सामान्य जाति को दिए जाने वाले पुष्टाहार के लिए बजट नहीं मिला है। बजट जारी हो चुका है, कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसका आहरण नहीं हो सका था। अब यह दिक्कत दूर कर ली गई है। जल्द ही स्थिति पटरी पर आ जाएगी।