रेलवे भूमि पर संयुक्त सीमांकन की मांग को लेकर विधायक सुमित हृदयेश ने सीएम से की मुलाकात
रेलवे के नक्शे में राजस्व व नजूल लैंड भी शामिल कर ली गई
हल्द्वानी : हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने गुरुवार को दून में सीएम पुष्कर सिंह धामी से रेलवे प्रकरण को लेकर मुलाकात की। सुमित ने कहा कि हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका हुई थी। इस प्रकरण को लेकर कोर्ट ने नगर निगम हल्द्वानी, राजस्व विभाग और रेलवे को संयुक्त सीमांकन कर रिपोर्ट पेश करने को आदेश दिया था। मगर रेलवे ने निगम व राजस्व विभाग संग बगैर संयुक्त सीमांकन के नक्शा पेश कर दिया।रेलवे के नक्शे में राजस्व व नजूल लैंड भी शामिल कर ली गई। 20 से अधिक सरकारी व निजी स्कूल, मंदिर-मस्जिद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा निजी संपत्तियों को भी रेलवे की भूमि बताया गया है। विधायक सुमित ने कहा कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. डा. इंदिरा हृदयेश ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश दिलाकर गरीब लोगों को राहत दिलाई थी। उसके बाद भी राजस्व व नगर निगम ने अपनी जमीन चिन्हित करने के लिए कुछ नहीं किया। सुमित ने मांग करते हुए कहा कि हजारों लोगों के बेघर होने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री स्तर से हस्तक्षेप करना चाहिए। तत्काल संयुक्त सर्वे के आदेश की जरूरत है।हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर 4356 भवन कार्रवाई की जद में हैं। बताया जाता है कि 40 साल पहले रेलवे की भूमि खाली थी। अतिक्रमण के मकडज़ाल ने जमीन को घेर लिया। कई सरकारी स्कूल, अस्पताल और धर्म स्थल बने। इसके लिए जितना दोषी लोग हैं उतनी ही पूर्व की सरकारें भी। वोट बैंक के लिए लोगों का इस्तेमाल किया गया। रेलवे की जमीन पर बैठे लोगों के स्थाई प्रमाणपत्र के साथ ही आधार कार्ड व राशन कार्ड बना दिए गए।