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रुड़की: इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े 12 हजार किसानों को तो राहत मिल गई है, लेकिन लिब्बरहेड़ी चीनी मिल से जुड़े 22 हजार किसान अभी भी पर्चियों को लेकर परेशान हैं। यहां किसानों को पर्चियां नहीं मिल पा रही हैं। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के इस माह के अंत तक चलने की उम्मीद है, जबकि इकबालपुर के अगले सप्ताह बंद होने का अनुमान है।

इस बार गन्ना आपूर्ति को लेकर मारामारी है। होली के बाद से लिब्बरहेड़ी एवं लक्सर चीनी मिल से जुड़े किसान सबसे अधिक परेशान हैं। इन किसानों को होली के बाद से गन्ना पर्चियों को लेकर दौड़ लगानी पड़ रही है। किसान संगठन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि चीनी मिल बाहर का गन्ना खरीद रही है। इसे लेकर विभाग की ओर से सर्वे भी कराया गया है। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेद्र सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से खेतों में बचे गन्ने का सर्वे कराया गया है। इकबालपुर एवं लिब्बरहेड़ी गन्ना विकास परिषद क्षेत्र में करीब 2500 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल खड़ी है। इकबालपुर चीनी मिल में तो गन्ने की कमी होने लगी है। इकबालपुर चीनी मिल की ओर से सभी गन्ना पर्चियों को एक साथ जारी कर दिया है। इसके तहत अब किसान एक दिन में जितना चाहे गन्ना चीनी मिल को तुलवा सकता है। माना जा रहा है कि चीनी मिल करीब एक सप्ताह तक ही पेराई कर पाएगी। वहीं लिब्बरहेड़ी चीनी मिल में अभी भी गन्ना पर्चियों को लेकर मारामारी जारी है। मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अभी चीनी मिल को आवंटित सभी 70 क्रय केंद्रों पर गन्ने की खरीद जारी है। वहीं मिल गेट को भी पर्याप्त मात्रा में गन्ना आ रहा है। चीनी मिल के अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक चलने की उम्मीद है।

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