आत्मदाह की चेतावनी पर भाजपा नेता गिरफ्तार, जेल भेजा
पुलिस ने जगजीवन राम को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया।
रुड़की: चकबंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कई साल से संघर्ष कर रहे भाजपा नेता जगजीवन राम गुरुवार को तहसील मुख्यालय पहुंचे। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जगजीवन राम को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। यहां से भाजपा नेता को रुड़की उप कारागार में भेज दिया गया। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मामले को लेकर पूर्व में गठित कमेटी में अपर तहसीलदार को भी शामिल करते हुए 25 अप्रैल तक अंतरिम और दो मई तक अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट 26 अप्रैल को तहसील में मामले की शिकायत की समीक्षा बैठक भी करेंगे। भाजपा नेता ने 16 अप्रैल को तहसील मुख्यालय पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।कनखल निवासी भाजपा अनुसूचित मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष जगजीवन राम लंबे समय से रुड़की तहसील स्थित चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने कुछ व्यक्तियों से सांठगांठ कर करोड़ों की कृषि भूमि के चक गलत तरीके से लगाकर भ्रष्टाचार किया है। इसे लेकर जगजीवन राम पूर्व में भी आत्मदाह की धमकी दे चुके थे और 10 दिसंबर 2021 को तहसील में पेड़ पर चढ़ गए थे। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। घंटों की मशक्कत के बाद किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर पेड़ से उतारा गया था। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह ने जिलाधिकारी के आदेश पर चकबंदी विभाग में कार्यों की जांच के लिए अपर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और अपर तहसीलदार की संयुक्त टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन, जांच पूरी नहीं होने पर जगजीवन राम ने फिर से 16 अप्रैल को आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इसके चलते गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह के समक्ष पेश किया गया। यहां जेएम ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए। इसके बाद उनका सिविल अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद जेल भेजा गया। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता की जीवनरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही प्रकरण में जांच समिति को 25 अप्रैल तक अंतरिम और दो मई तक अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। अनंतरिम जांच रिपोर्ट मिलने के अगले दिन 26 अप्रैल को इसी प्रकरण में समीक्षा बैठक भी रखी गई है। इस बैठक में संयुक्त जांच टीम के अधिकारियों के अलावा जिला शासकीय अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता को भी उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।