शिक्षित बनो, संघर्ष करो किसी के सहारे की नहीं पड़ेगी जरुरत
जीवन का मूलमंत्र बना लें तो हमको किसी की दया और सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी
लालढांग: नलोवाला गांव में नलकूप खराब पड़ा है। इसके कारण किसानों के सामने सिचाई के लिए पानी का संकट खड़ा हो गया है। उन्हें धान की पौध लगाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि कई बार शिकायत के बाद भी विभाग नलकूप को रि-बोर नहीं करा रहा है। इससे नाराज किसान आंदोलन का मन बना रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर व्यवस्था में जल्द सुधार न हुआ तो किसान परिवार के साथ नलकूप के सामने धरने पर बैठेंगे।
लालढांग क्षेत्र के नलोवाला गांव में वर्ष 2002-2003 में नलकूप विभाग की ओर से खेतों में सिचाई के लिए पानी की सुविधा के लिए एक बोरवेल कराया गया था। लेकिन, कुछ समय पानी देने के बाद बोरवेल ने पानी देना बंद कर दिया। कई बार अधिकारों से गुहार लगाने के बाद उसे रि-बोर नहीं किया गया। 2007-2008 में भी इसी प्रकार की समस्या का सामना किसानों को करना पड़ा था। इसके बाद एक बार फिर ट्यूबवेल को रि-बोर कराया गया, तबसे लेकर अब तक यह काम कर रहा था। लेकिन, अब फिर ट्यूबवेल ने पानी देना बंद कर दिया है। इसके कारण क्षेत्र के किसानों के सामने करीब 500 बीघा से ज्यादा जमीन पर धान लगाने का संकट खड़ा हो गया है। इस मामले में नलोवाला निवासी नजाकत चेची, शमशेर भड़ाना, यूसुफ, मुमताज अली, शमशाद अली, इमरान भड़ाना, खुर्शीद भड़ाना, कश्मीर, नवाबदीन, यामीन, सुंदर कलूड़ा अलीशेर, एजाज ने बताया कि इस कारण वह धान की फसल नहीं बो पा रहे हैं। कहा कि अब सबसे बड़ा संकट धान की बुआई के लिए हो गया है। बिना पानी के धान के लिए खेत कैसे तैयार कर पाएंगे। कहा कि नलकूप विभाग से इसके संबंध में कई बार शिकायत दर्ज कर एक दूसरा ट्यूबवेल लगवाने या फिर इसकी एक नए सिरे में मरम्मत की मांग कर चुके हैं। लेकिन, विभाग बजट का रोना रोकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। जेई विवेक ने कहा कि जल्द ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं नलकूप विभाग के ईई राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अभी चार्ज संभाला है । वह इस विषय में जेई से इसकी रिपोर्ट मांगेंगे। अगर ऐसा है तो नाबार्ड के माध्यम से शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही नया बोरवेल बनाया जा सकता है, जिसका वह भरसक प्रयास करेंगे।