जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित
बैठक में हरिद्वार स्थित विभिन्न घाटों एवं नालों पर अतिक्रमण के सम्बन्ध में चर्चा हुई,
हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में गंगा संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं को चर्चा के लिये डी0एफ0ओ0 श्री दीपक सिंह ने जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी ने बैठक में पशुपालन विभाग एवं नगर निगम के अधिकारियों से खड़खड़ी, दुर्गानगर, ज्वालापुर आदि क्षेत्रों में पशुपालकों द्वारा गंगा में गोबर आदि बहाये जाने के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इन क्षेत्रों में लगभग 100 पशुपालकों के 2250 पशु हैं, जिनमें से कुछ के पास गोबर से लकड़ी बनाने तथा उसके निस्तारण की उचित व्यवस्था पाई गयी, जबकि कुछ के पास अभी भी उचित व्यवस्था नहीं है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि गोबर से लकड़ी आदि बनाने के सम्बन्ध में एक संस्था ने नगर निगम से सम्पर्क किया है, जो गोबर से लकड़ी आदि बनाने का कार्य शीघ्र प्रारम्भ करेगी। इसके अतिरिक्त नगर निगम की एक संस्था गोबर को इकट्ठा करने का कार्य कर रही है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोबर से लकड़ी आदि बनाने का कार्य जल्दी से जल्दी प्रारम्भ कराया जाये तथा बिल्कुल भी गोबर पानी में न बहाया जाये। ताकि इस समस्या स्थाई हल मिल सके। विभिन्न नालों आदि स्थानों में स्थापित सीसीटीवी कैमरे के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि सभी सीसीटीवी कैमरे अच्छी तरह कार्य कर रहे हैं। कस्सावान नाले के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि पहले से स्थिति में सुधार है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नाले का प्रतिदिन निरीक्षण किया जाय तथा सायंकाल उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये।
बैठक में हरिद्वार स्थित विभिन्न घाटों एवं नालों पर अतिक्रमण के सम्बन्ध में चर्चा हुई, जिस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे एक सप्ताह में जितने भी अतिक्रमण सन्दर्भित स्थानों में हुये हैं, उनकी एक सूची तैयार कर एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि ऐसे अतिक्रमणों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में विभिन्न नालों की सफाई का मुद्दा सामने आया, जिस पर मुख्य नगर अधिकारी ने बताया कि आगामी माह जून तक नालों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि यह कार्य धरातल पर दिखाई देना चाहिये तथा इसकी जियो टैकिंग करते हुये विवरण प्रस्तुत करें। एस0टी0पी0 जगजीतपुर से ट्रीटेड सीवेज सिंचाई में उपयोग हेतु निर्मित कैनाल की मरम्मत के सम्बन्ध में पूछे जाने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कैनाल की मरम्मत का कार्य शीघ्र हो जायेगा।
निराश्रित पशुओं का उपचार तथा उनकी व्यवस्था के सम्बन्ध में क्या व्यवस्था की गयी है, के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्य हेतु राउण्ड द क्लाक छह डाक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है।
बैठक में गंगा नदी पर बने पुलों व अन्य चिह्नित स्थानों पर ऊंची लोहे की जाली लगाने, दूधियाबन्द, भूपतवाला, बैरागी कैम्प एल प्वाइण्ट पर पूर्ण विवरणयुक्त सूचना पट्ट स्थापित करने, जिसमें नगर निगम तथा आपदा प्रबन्धन के सम्बन्धित अधिकारियों का नम्बर हो, को स्थापित करने, भीम गौड़ा से हरकीपैड़ी, पोस्ट आफिस से हरकीपैड़ी पर आने वाले चैपहिया वाहनों को रोकने की समुचित व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ तथा सम्बन्धित विभागों को इस सम्बन्ध में यथोचित दिशा-निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) श्री बीर सिंह बुदियाल, अध्यक्ष श्री गंगा सभा श्री प्रदीप झा, एम0एन0ए0 श्री दयानन्द सरस्वती, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 योगेश भारद्वाज, परियोजना प्रबन्धक जल निगम श्री आर0के0 जैन, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अशोक कुमार, अभिहित अधिकारी एफडीए श्री आर0एस0 पाल, ए0ई0 जल संस्थान श्री राकेश कुमार, सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच श्री शिखर पालीवाल, श्री मनोज निषाद, डॉ0 अजीत सिंह, जिला गंगा संरक्षण समिति से जुड़े स्वयंसेवी संगठन, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।