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भारत को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया

प्रसारण के क्षेत्र में रणनीतिक रूप से भविष्य की उपलब्धियां हासिल करने हेतु भारत के लिए मजबूत आधारशिला भी रखता है।

नई दिल्ली। भारत एक अभूतपूर्व विकास के तौर पर 2018-2021 और 2021-2023 तक पहले ही एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) जनरल कॉन्फ्रेंस (जीसी) के अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकाल पूर्ण कर चुका है। भारत को इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व करने के लिए लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एआईबीडी जीसी के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 50 वर्ष पुराने संगठन एआईबीडी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है और यह पूरे एशिया-प्रशांत और प्रसारण संगठनों के आत्मविश्वास को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत पर विश्वास जता रही है कि भारत प्रसारण को एक नवीन आयाम प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करने के अलावा इस दिशा में नेतृत्व प्रदान कर सकता है।

एआईबीडी, यूनेस्को के तत्वावधान में 1977 में स्थापित एक विशिष्ट क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है। इस संगठन में वर्तमान में 44 देशों के 92 सदस्य संगठन हैं, जिनमें 26 सरकारी सदस्य (देश) शामिल हैं, जिनका प्रतिनिधित्व 48 प्रसारण प्राधिकरण और प्रसारक एवं 44 सहयोगी (संगठन) करते हैं। इनमें एशिया, प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब राज्यों और उत्तरी अमेरिका के 28 देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व है। भारत एआईबीडी के संस्थापक सदस्यों में से एक है और भारत का सार्वजनिक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती एआईबीडी में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का एक प्रतिनिधि निकाय है।

एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) के 21वें आम सम्मेलन और इससे संबद्ध बैठकें 2023 (जीसी 2023) की अध्यक्षता एआईबीडी के अध्यक्ष और प्रसार भारती के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री गौरव द्विवेदी ने की और इसका समापन 02-04 अक्टूबर, 2023 को मॉरीशस के पोर्ट लुइस में सफलतापूर्वक हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य नीति और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत और सामंजस्यपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण बनाना है।

एक अंतरराष्ट्रीय प्रसारण संस्थान में इस तरह के प्रतिष्ठित पद पर रहना न केवल भारत और प्रसार भारती के प्रति अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मजबूत भरोसे को दर्शाता है, बल्कि प्रसारण के क्षेत्र में रणनीतिक रूप से भविष्य की उपलब्धियां हासिल करने हेतु भारत के लिए मजबूत आधारशिला भी रखता है।

 

 

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