उत्तराखंड समाचारधर्म
श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट
पुष्प वर्षा के साथ सीएम ने किया तीर्थयात्रियों का स्वागत
[2:17 PM, 4/22/2023] skmdun: देहरादून। अक्षय तृतीय के अवसर पर आज गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले। मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और गंगा पूजन किया। पूजा-अर्चना के बाद विधिवत रूप से सीएम की मौजूद में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। पुष्प वर्षा के साथ सीएम धामी ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया। आज शनिवार सुबह मां गंगा की डोली 8 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। और इसी के साथ अक्षय तृतीया पर दोपहर 12:13 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के सुगम, सुखद और मंगलमय चारधाम यात्रा की कामना की है। उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट आज खुल गये हैं। गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से दो अन्य धाम, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड के कारण हर साल चारों धामों के कपाट श्रद्धाालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो छह माह बाद अगले साल गर्मियों में खुलते हैं।
[2:22 PM, 4/22/2023] skmdun: गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थान है। गंगाजी का मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है।
गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैंया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते है। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते है।
[2:22 PM, 4/22/2023] skmdun: गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थान है। गंगाजी का मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है।
गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैंया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते है। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते है।