अदाणी मामले को लेकर प्रदेशभर में कांग्रेस का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री के मित्र अडानी पर दुनिया के सबसे बड़े घोटाले का आरोप : करन माहरा
देहरादून, 06 फरवरी। गौतम अदाणी मामले को लेकर विपक्षी दल लगातार संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं और इस मामले पर संसदीय कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस का जोरदार हंगामा जारी है। गौतम अदाणी मामले मे मोदी सरकार की खामोशी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा आज देशव्यापी जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में आज उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में देहरादून स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा हल्ला बोल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह एवं गणेश गोदियाल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर करन माहरा ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से अभी तक अडानी के मामले में कोई भी जवाब सामने नहीं आया है। गरीब जनता का पैसा बेतहाशा डूब गया और वित्त मंत्री कह रहीं है कि इस पूरे प्रकरण से देश की अर्थव्यवस्था पर आंच भी नही आयेगी। माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री की चुप्पी इस पूरे प्रकरण पर रहस्य बनी हुई है। 10 लाख करोड़ का घोटाला सामने आ रहा है, विभिन्न बैंकों के पैसे अदानी ग्रुप में लगे हुए हैं, एलआईसी का पैसा भी इसमें डूब गया है लेकिन सरकार मौन साधे हुए है। माहरा ने कहा कि आज हमारे नेता राहुल गांधी की वर्षों पहले की गयी भविष्यवाणी सही साबित हुयी। माहरा ने अंदेशा जताया कि ऐसा लगता है कि भारत सरकार के संरक्षण में यह सब कार्यवाही हुई है। जितना भी अडानी ग्रुप को ऋण मिला है उसमें भारत सरकार के विभिन्न मंत्रियों की संलिप्तता साफ दिख रही है। कांग्रेस पार्टी शुरू से मांग करती आई है कि इस नए घोटाले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए और तो और कांग्रेस पार्टी ने तो संसद में यहां तक भी कहा है कि इस महाघोटाले की जांच जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) गठित करके होनी चाहिए। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आज देश वासियों का पैसा डूब रहा है। देश की जनता को अच्छे दिन दिखाकर उनके पीठ पर छुरा घोपने का काम मोदी के राज में हुआ है। प्रीतम सिंह ने कहा कि आज सभी देशवासियों को एकजुट होकर घरों से बाहर निकलना होगा और बेईमानी और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ झंडा बुलंद करना होगा। प्रीतम सिंह ने कहा कि देश की सारी संपत्ति और हर सेक्टर में अडानी को काम देकर मोदी सरकार ने देश पर अडानी का एक छत्र राज पनपाने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया आज उसी का प्रतिफल है कि अडानी के डूबने के साथ साथ देश के गरीब लोग भी अपनी किस्मत को रो रहे हैं। प्रीतम ने कहा कि यह मोदी सरकार की अदूरदर्शिता का ही परिणाम है कि अडानी पूरे देश की आँखों में धूल झोंकने में सफल हुआ। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है जो काम सेबी/सीबीआई/आई0टी0 एवं ईडी को करना चाहिए था वह काम अमेरिकी संस्था हिडनबर्ग कर रही है। देश की जनता की गाढ़ी कमाई पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। लोगों के लाखों करोड़ रुपये अडानी के शेयरों में डूब गये हैं लेकिन केन्द्र सरकार जांच करवाने की जगह अडानी ग्रुप को बचाने में लगी हुई है। केन्द्र सरकार के साथ साथ आरएसएस का मुख पत्र भी अडानी ग्रुप का महिमामंडन कर रहा है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि आखिर यह षड्यंत्र कितना बडा है। उन्होंने कहा कि देश के मुख्य संस्थान कौड़ियों के भाव पहले ही अडानी ग्रुप को बेच दिये गये अब जिस प्रकार से अडानी ग्रुप का घोटाला सामने आया है उससे वह सभी संस्थाएं तो डूबी ही परन्तु देश के मुख्य बैंक एसबीआई एवं एलआईसी पर भी खतरा बढ़ गया है क्योंकि इन्होंनें नियम विरूद्ध बिना जाचें परखे अडानी पर हजारों करोड़ रुपये की मेहरबानियां लोन के रूप में कर दी, जिससे देश के अन्दर बडा आर्थिक संकट खडा हो गया है। देश की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमराई हुई है। रूपया हाफ रहा है अब ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था का भगवान ही मालिक है। धरना प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, महामंत्री संगठन श्री विजय सारस्वत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सूर्यकान्त धस्माना, कोषाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, एनएसयूआई, विकास नेगी, महानगर अध्यक्ष देहरादून डाॅ0 जसविन्दर गोगी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी, गोदावरी थापली, पूरन रावत, महेन्द्र नेगी, विकास नेगी, मनीष नागपाल, अमरजीत सिंह, नवीन जोशी, दर्शन लाल, शीषपाल बिष्ट, लालचन्द शर्मा, राजेश चमोली, विशाल मोर्य, पंकज क्षेत्री, विरेन्द्र पोखरियाल, राजेन्द्र शाह, नीरज त्यागी, मानवेन्द्र सिंह, रोबिन त्यागी, नवीन रमोला, आशा मनोरमा शर्मा, आशा टम्टा, शान्ति रावत, पिया थापा, नवनीत सती, गिरीश पपने, अनिल नेगी, सुनीता प्रकाश, सुशील राठी, गोपाल सिंह गडिया, देवेन्द्र सिंह, मदन लाल, विरेन्द्र पंवार, संदीप चमोली, मोहन काला, ललित भद्री, अभिनव थापर, अरूषी सुन्द्रियाल, संजय भारती, सुलेमान अली, अभिषेक तिवारी, मनीष वर्मा इत्यादि बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।