गौरा शक्ति योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाली 45216 महिलाएं स्वयं ही आ गई पुलिस सुरक्षा में : श्रीमती राधा
प्रत्येक महिला के मोबाइल पर उत्तराखंड पुलिस एप को शामिल कराना हमारी प्राथमिकता : श्रीमती राधा
देहरादून 23 दिसम्बर। पुलिस मुख्यालय में आयोजित ‘उत्तराखंड पुलिस सप्ताह मंथन-चुनौतियां एवं समाधान’ कार्यक्रम के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में अपर मुख्य सचिव, गृह श्रीमती राधा रतूड़ी ने शिरकत की। इस सत्र के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार द्वारा पुष्पगुच्छ देकर अपर मुख्य सचिव गृह श्रीमती राधा रतूड़ी का स्वागत किया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक, प्रो/मार्ड अबूदई सेंथिल कृष्णा राज एस. द्वारा गौरा शक्ति के अन्तर्गत की गई कारवाई सहित अन्य विषयों पर अपर मुख्य सचिव गृह को विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्रीमती राधा रतूड़ी ने समस्त पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गौरा शक्ति योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाली लगभग 45,216 महिलाएं पुलिस सुरक्षा में स्वयं ही आ गई हैं। महिला पुलिसकर्मी उन महिलाओं से समन्वय कर उनकी शिकायत के समाधान करते हुए उन्हे सुरक्षित महसूस करायें। जनपद के पुलिस अधिकारियों को इस अभियान में रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में काम करने वाली महिला पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी नये रूप में चलाने को कहा। शैक्षणिक संस्थाओं के प्राचार्यों के साथ ही शिक्षा विभाग को भी गौरा शक्ति योजना के तहत जोड़ा जाय। इसी क्रम में उन्होंनें कहा कि उत्तराखण्ड में गांवो, स्कूल, कॉलेजों में युवाओं के मध्य वृहद स्तर पर इस अभियान को चलाये जाने की आवश्यकता है। प्रत्येक महिला के मोबाइल पर उत्तराखंड पुलिस एप व गौरा शक्ति योजना को शामिल कराना भी हमारी प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए ताकि वे भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें और पुलिस को अपना अभिन्न सहयोगी मानें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि घरेलू हिंसा को केवल पारिवारिक मामला न समझे, अपितु इस सामाजिक समस्या के निवारण हेतु पुरुष पक्ष की भी काउंसलिंग करें। पुलिस जवानों की आवासीय सुविधा पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए उन्होंने बताया कि जवानों के बेहतर जीवन स्तर के लिए जीर्ण-शीर्ण आवासों को निष्प्रयोज्य घोषित कर नये आवासों का निर्माण शुरू कराया जायेगा। अपर मुख्य सचिव गृह महोदया के पुलिस अधिकारियों के संवाद के क्रम में उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मंजूनाथ टीसी ने नशे पर नियंत्रण पर हेतु गठित एएनटीएफ के कार्यों हेतु रिवाल्विंग फंड का सुझाव दिया। वहीं पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ श्री लोकेश्वर सिंह द्वारा घरेलू हिंसा में पीड़ित की मदद हेतु सेन्ट्रलाईज हेल्पलाईन सिस्टम बनाने का सुझाव दिया। गोष्ठी में श्री देवेन्द्र पिंचा, पुलिस अधीक्षक चम्पावत ने लॉ आफिसर एवं साईबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की बात रखी। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड श्री अशोक कुमार ने पुलिस अधिकारियों द्वारा दिये गये विभिन्न उपयोगी सुझावों पर चर्चा के दौरान बताया कि अपर मुख्य सचिव गृह महोदया के निर्देशानुसार ए0एन0टी0एफ0 हेतु रिवाल्विंग फंड तथा प्रत्येक जनपद में लॉ आफिसर एवं तकनीकी सहायता हेतु साईबर एक्सपर्ट की संविदा पर नियुक्ति हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि समस्त जनपदों को गौरा शक्ति अभियान के अन्तर्गत महिला हेल्प डेस्क हेतु स्थाई मोबाइल नम्बर प्रदान किये जायेंगें। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी श्री पी0वी0के0 प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन श्री अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस दूरसंचार श्री अमित कुमार सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था डॉ0 वी0 मुरुगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- श्री ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, पी/एम- श्रीमती विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक, एससीआरबी/महा समादेष्टा होमगार्ड व सिविल डिफेन्स- श्री केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी श्रीमती विमला गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ- श्रीमती रिधिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक, फायर- श्रीमती नीरू गर्ग सहित सहित समस्त फील्ड अधिकारी (जनपद प्रभारी, सेनानायक, शाखा एवं इकाई प्रभारी) परिक्षेत्र प्रभारी, प्रधानाचार्य एटीसी/पीटीसी, एसटीएफ, जीआरपी, सीआईडी, अभिसूचना एवं पुलिस मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए।