उत्तराखंड समाचार

गैंगस्टर एक्ट के अपराधियों की अवैध सम्पत्ति करें सीज़ : डीआईजी गढ़वाल

विगत एक दो वर्षों की लम्बित विवेचनाओं का निस्तारण शीघ्र करें।

देहरादून 12 दिसम्बर। आज पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र द्वारा पुलिस लाइन देहरादून में जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारियों तथा थाना प्रभारियों की गोष्ठी ली गयी। गोष्ठी के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र द्वारा उपस्थित समस्त अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये। पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र ने कहा की अपराध होने से पहले ही उसे रोकने पर काम करें, साथ ही आदतन अपराधियों की कुंडली खंगालते हुए उनके खिलाफ गुण्डा, गैंगस्टर की कार्यवाही में तेजी लाएं। विगत एक दो वर्षों की लम्बित विवेचनाओं का निस्तारण शीघ्र करें। शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निस्तारण का समयबद्ध तरीके से करें, जिससे उनकी समस्या का समाधान समय से हो सके। यदि हम शिकायत या विवेचना का निस्तारण समय से करेंगे तो सही मायने में तभी उन्हें न्याय मिल सकेगा। अपराधियों में पुलिस का भय होना बहुत जरूरी है। गोष्ठी के दौरान उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पुलिस मुख्यालय व उनके कार्यालय स्तर से वांछित व मफरूर अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियानों को प्रार्थमिकता के आधार पर सफल बनाएं। अपने अधिनस्थों को मोटिवेट करें और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी देते हुए सभी लोग आपस में समन्वय स्थापित कर अच्छी पुलिसिंग पर फोकस करें। जनपद में जितने भी एसआर केस लम्बित चल रहे हैं, उन्हें सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी प्रत्येक सप्ताह पर्यवेक्षण कर विवेचकों का उचित मार्गदर्शन कर उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। अपराधियों को सजा दिलवाना पुलिस का काम है, पुलिस को भयमुक्त समाज बनाना है। जनपद में जितने भी ईनामी और वांछित बदमाश है उन पर थाना क्षेत्रों में अलग-अलग पुलिस टीम गठित कर शत-प्रतिशत कार्यवाही अमल में लाई जाये। एनडीपीएस एक्ट व गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत अभियोगों में अभियुक्त द्वारा अर्जित की गयी अवैध सम्पत्ति को सीज करने की कार्यवाही की जाये। जिन वांछित अपराधियों में ईनाम घोषित नहीं किया गया है, ईनाम घोषित करते हुए पूर्व घोषित किये गये ईनामों की धनराशि बढाई जाये। 07 साल से कम सजा के अपराधों में जिन अभियुक्तगणों को धारा 41-क का नोटिस दिया जा रहा है, उसका एक अध्यावधिक रजिस्टर थाने में बनाया जाये। गम्भीर पृकृति के अपराध घटित होने पर पूर्व में प्रकाश में आये अपराधियों के डोजियर को भी घटना स्थल पर ले जाया जाये तथा पीडित व गवाहों को डोजियर दिखाकर अभियुक्तों को तजदीक किया जाये। सीएम हैल्पलाइन के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण देय समयावधि में कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक शिकायत पर घटनास्थल पर जाकर घटना की जानकारी जरूर करें। किसी भी अभियोग में विवेचना में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाये, जिससे अभियुक्त को किसी भी प्रकार का गिरफ्तारी में लाभ मिल सके। गुमशुदगी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल गुमशुदगी पंजीकृत की जाये, देह समय में गुमशुदगी को अभियोग में तरमीम कर विवेचना बहाल की जाये। नाबालिग गुमशुदगी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल अभियोग पंजीकृत किया जाये। नशे के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये। सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर दी गयी रूलिंग के अनुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त महोदय द्वारा समस्त राजपत्रित अधिकारीगणों व थाना प्रभारियों से उनकी समस्या व विवेचना एवं शिकायतों के विषय में जानकारी प्राप्त की गयी तथा उनका समाधान किया गया। गोष्ठी के दौरान दलिप सिंह कुंवर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून, पुलिस अधीक्षक यातायात पुलिस अधीक्षक नगर, पुलिस अधीक्षक देहात, पुलिस अधीक्षक अपराध, जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारी तथा सभी थानों के प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button