उत्तराखंड समाचार

चयन आयोग की सभी भर्तियों की सीबीआई जांच कराई जाए : भुवन कापड़ी

प्रदेश में परीक्षा कराने वाली एजेंसी की भूमिका भी संदिग्ध : भुवन कापड़ी

देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती में हुए घोटाले के मामले पर कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता मे उपनेता प्रतिपक्ष व विधायक खटीमा भुवन कापड़ी ने कहा की उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में सभी भर्ती परीक्षाओं में छपते समय लीक होने की बात लगातार सामने आ रही है इससे यह प्रतीत होता है कि आयोग के जिम्मेदार लोग आयोग के अध्यक्ष और आयोग के सचिव अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाह नहीं कर रहे थे, क्योंकि पेपर की छपने की गोपनीयता की एवं सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी अध्यक्ष और सचिव की थी। उन पर तत्काल प्रभाव से लापरवाही करने के लिए पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए। पूरे प्रदेश में परीक्षा कराने वाली एजेंसी की भूमिका भी हर परीक्षा में संदिग्ध है, क्योंकि यही कंपनी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के कारण एजेंसी पर प्रतिबंध लगाया गया है और ब्लैक लिस्टेड किया गया था। उत्तर प्रदेश के थाने में उपयुक्त कंपनी पर अभियोग पंजीकृत है। ऐसी एजेंसी से उत्तराखंड में परीक्षाएं कराने पर भी ज़िम्मेदार लोगों पर एसटीएफ को अभियोग दर्ज करना चाहिए। उन्होंने कहा की सोशल मीडिया पर लगातार जिसको राज्य सरकार द्वारा एसटीएफ द्वारा भर्ती का मुख्य सरगना बताया जा रहा है उस हाकम सिंह के साथ राज्य के पुलिस के बड़े बड़े अधिकारियों के कहीं प्रशासन के अधिकारियों के और भाजपा के मंत्री नेताओं के फोटो रोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल निरंतर गिर रहा है, क्योंकि एसटीएफ एसटीएफ राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था है उसके अधिकार भी राज्य में सीमित है तो आप समझ सकते हैं कि आगे एसटीएफ की जांच किस प्रकार चलेगी। राज्य के एजेंसी होने के कारण उनकी जांच को प्रभावित किया जा सकता है एवं अब पेपर लीक का मामला उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड 2 राज्यों से जुड़ चुका है। लगातार उत्तर प्रदेश से गिरफ्तारियां हो रही है ऐसे में एसटीएफ का दूसरे राज्य में जांच करना संभव नहीं होगा अतः हम राज्य सरकार से मांग करते हैं अगर वह उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य के लिए चिंतित है तो चयन आयोग की सभी भर्तियों की सीबीआई जांच कराई जाए एवं दोषियों की संपत्तियां जो की भर्ती गड़बड़ी से अर्जित की गई है उनको जबत किया जाए एवं मुख्य अपराधियों पर रासुका लगा कर प्रदेश में युवाओं के सामने एक नजीर पेश की जाए। जिससे कि भविष्य में कोई भी उत्तराखंड के युवाओं के रोजगार पर डाका ना डाल सके।

 

 

 

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