उत्तराखंड समाचारधर्म

27 जुलाई को रात्रि 9.10 बजे पर समाप्त होगी चतुर्दशी तिथि

27 जुलाई को पूरे दिन किया जाएगा जलाभिषेक : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की श्रावण शिवरात्रि पर इस बार शिव-गौरी संयोग बन रहा है। इस संयोग में भगवान शिव की आराधना करने से शिव के साथ मां पार्वती का भी आशीर्वाद मिलेगा। जिससे भक्तों के सारे कष्ट दूर होंगे। घर में सुख शांति और समृद्धि आएगी।

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की इस बार श्रावण शिवरात्रि पर 26 जुलाई की शाम को 6.45 बजे पर चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ होगी और 27 जुलाई को रात्रि 9.10 बजे पर समाप्त होगी। इसलिए दो दिन भगवान शिव का जलाभिषेक होगा। मंगलवार को श्रावण शिवरात्रि पर बन रहा शिव-गौरी का संयोग बेहद मंगलकारी है। इसी दिन मंगला गौरी का व्रत भी किया जाता है। जो मां पार्वती को समर्पित है। ऐसा संयोग वर्षों बाद आया है।  जलाभिषेक को श्रावण शिवरात्रि में चतुर्दशी तिथि का महत्व होता है। जिस समय चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होती है, उसी समय भगवान शंकर का जलाभिषेक प्रारंभ होता है। इस बार 26 जुलाई की शाम को 6.45 बजे पर चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ होगी। इसी समय से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। चतुर्दशी तिथि 27 जुलाई को रात्रि 9.10 बजे पर समाप्त होगी। इसलिए दो दिन भगवान शिव का जलाभिषेक होगा। 27 जुलाई को पूरे दिन जलाभिषेक किया जाएगा। शिवरात्रि में चार पहर की पूजा विशेष फलदाई होती है। चार पहर की पूजा करने से चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, इस बार जलाभिषेक में भद्रा बाधा नहीं बनेगी।

 

 

 

 

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