राज्य के पारम्परिक उत्पाद यहां की पहचान के तौर पर स्थापित होने चाहिए : गणेश जोशी
इस दौरान कृषि मंत्री ने रेस्टोरेंट में बने मंडुवे के बने बिस्कुट
देहरादून, 04 जून। कृषि मंत्री, गणेश जोशी आज सर्वेचौक स्थित ‘‘दून स्पाईस रेस्टोरेंट, पहाड़ का स्वाद मंडुवे के साथ’’ का उद्घाटन करने पहुंचे कृषि मंत्री ने रेस्टोरेंट संचालक चमोली के सुभाष रतूड़ी के प्रयास की सराहना की। इस दौरान कृषि मंत्री ने रेस्टोरेंट में बने मंडुवे के बने बिस्कुट, सैंडविच तथा कोदे की कॉफी का स्वाद भी लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के पारम्परिक उत्पाद यहां की पहचान के तौर पर स्थापित होने चाहिए। यह बात मैं सिर्फ पहाड़ी होने के मोहभाव के वसीभूत हो कर ही नहीं कह रहा हूं। बल्कि आज वैज्ञानिक तौर पर भी यह पाया जा रहा है कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले ‘मिलेट’ (मोटे अनाज) मानव स्वास्थ्य के अत्यंत लाभदायक और फाइबर, प्रोटीन, आयरन से भरपूर हैं। ऐसे में सुभाष रतूड़ी का यह स्टार्टअप सराहनीय कदम है। इससे जहां लोगों पौष्टिकता से भरपूर आधुनिक फैशनेबल फूड आईटम उपलब्ध होंगे वहीं पर्वतीय कृषकों के उत्पादों को नया बाजार भी मिलेगा। मूलतः चमोली जनपद के सुभाष रतूड़ी ने बताया कि वह पूर्व में एक सैफ रह चुके हैं और देश तथा विदेशों में कई नामी कम्पनियों की पांच सितारा प्रापर्टीज में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। अब वह पर्वतीय उत्पादों की यूएसपी को प्रयोग कर युवा वर्ग को भाने वाले मोमो, बर्गर, सेंडविच, कॉफी, सेक इत्यादि अधुनिक तथा फैशनेबल माने जाने वाले फूड आईटम को मंडुवे, झंगोरे तथा कोदे से बना कर पेश कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि राज्य सरकार के विभिन्न दफ्तरों में कोदे की कॉफी तथा कोदे की चाय को अनिवार्य किया जाए। जिससे पहाड़ के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। कश्मीर का काहवा अगर इतना प्रसिद्ध हो सकता है तो उत्तराखण्ड की कोदे की चाय क्यों नहीं। इस अवसर पर भाजपा श्रीदेवसुमन मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, रविन्द्र जुगरान तथा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।