तीर्थनगरी में उमड़ी पर्यटकों की भीड़
सैलानियों की भीड़ के चलते होटल और कैंप फुल हो गए।
ऋषिकेश। वीकेंड पर तीर्थनगरी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। बीते दिनों की अपेक्षा शनिवार को अधिक भीड़ देखने को मिली। नेपाली फार्म से लेकर तपोवन तक वाहनों का लंबा जाम देखने को मिला। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को जगह-जगह रूट डायर्वट करना पड़ा। सैलानियों की भीड़ के चलते होटल और कैंप फुल हो गए।
सुुबह से ही लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती, तपोवन और ऋषिकेश मुख्य बाजार में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई। पर्यटकों की भीड़ देख स्थानीय पुलिस प्रशासन ने रूट डायवर्ट कर दिया। इसके चलते हरिद्वार से आने वाले पर्यटक नेेपाली फार्म होते हुए श्यामपुर बाईपास, स्व. इंद्रमणि बडोनी चौक से भद्रकाली, ब्रह्मानंद मोड़ होते हुए तपोवन बाईपास पहुंच रहे थे। इस दौरान मुनिकीरेती जाने वाले पर्यटक ब्रह्मानंद मोड़ से अंदर खारास्रोत और तपोवन बाईपास से अंदर की ओर आ रहे थे। वहीं लक्ष्मणझूला क्षेत्र में भी बढ़ती भीड़ के कारण रूट को डायर्वट करना पड़ा। लक्ष्मणझूला पुलिस ने गरुड़चट्टी से आने वाले वाहनों को बैराज और चीला होते हुए निकाला।
जहां बीते दिनों पर्यटकों की संख्या करीब साढ़े पांच लाख थी, वहीं वीकेंड पर करीब साढ़े आठ लाख पहुंच गई। मुनिकीरेती स्थित खारास्रोत, पूर्णानंद, माता कुटीर और शिवानंद पार्किंग पर्यटकों के वाहनों से फुल रही। पार्किंग में जगह नहीं होने के कारण पर्यटकों को अपने वाहनों को लक्ष्मणझूला रोड पर बेतरतीब तरीके से खड़ा करना पड़ा। वहीं तपोवन में लक्ष्मणझूला मंदिर के समीप बनी पार्किंग में 50 से 60 वाहन पार्क होने के बाद यहां भी पार्किंग व्यवस्था चरमरा गई। तीर्थनगरी पहुंचने के बाद पर्यटकों ने यहां राफ्टिंग का आनंद लिया। कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और क्लब हाउस में दिनभर सैलानियों का हुजूम उमड़ा। राफ्टिंग संचालक जीतपाल, राज सिंह, आकाश त्रिपाठी, संदीप चौधरी, सुनील सकलानी, सतीश सेलवान, अनुभव पयाल, भगवान सिंह रावत और हुकुम रावत ने बताया कि लगातार चार दिनों का अवकाश होने के चलते भीड़ बहुत बढ़ गई है। राफ्टिंग के लिए पर्यटकों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बढ़ती भीड़ ने कोरोनाकाल का संकट दूर कर दिया गया है। राफ्टिंग करने के बाद पर्यटकों ने होटलों की ओर रुख किया। तपोवन, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला और स्वर्गाश्रम के होटल फैक रहे। होटलों में जगह नहीं होने के कारण सैलानियों ने धर्मशालाओं का आश्रय लिया। होटल संचालक अनुसूया प्रसाद पांडेय, मुकेश पांडेय, देवेंद्र जोशी, विजेंद्र चौहान, रवि भंडारी, पंकज अरोड़ा, देवेंद्र पुुंडीर और सुधीर खंडूड़ी ने बताया कि बाहरी प्रांतों से आने वाले पर्यटकों ने दो सप्ताह पहले ही होटलों की ऑनलाइन बुकिंग कर दी थी, इसलिए ऑफलाइन बुकिंग करने वाले पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा। शाम ढलते ही पर्यटकों ने कैंपों की ओर रुख किया। यहां हेंवलघाटी क्षेत्र रत्तापानी, घट्टूगाड़, बैरागढ़, मोहनचट्टी, बिजनी, नैल, तपोवन, क्यार्की, घुघतानी और शिवपुरी के कैंपों की ओर पर्यटकों ने रुख किया। कैंप संचालक शेखर अग्रवाल, माधव अग्रवाल, वैभव थपलियाल, दिनेश भट्ट, नरेश कश्यप, अरविंद नेगी ने बताया कि रविवार तक कैंप फुल हैं। इन चार दिनों के अवकाश से उनका व्यवसाय पटरी पर दौड़ना शुरू हो गया है।