मेडिकल कालेज हल्द्वानी में रैगिंग का मामला : कमिश्नर व डीआइजी की जांच से प्रबंधन में हलचल
। कमिश्नर व डीआइजी की जांच से कालेज प्रबंधन के पसीने छूटने लगे हैंं
हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में रैगिंग प्रकरण की हकीकत सामने आने लगी है। जहां शुरुआत में छात्रों के किसी पर आरोप न लगाने की वजह से रैगिंग को नकारा जा रहा था, वहीं अब हाई कोर्ट के निर्देश के बाद कार्रवाई आगे बढऩे लगी है। कमिश्नर व डीआइजी की जांच से कालेज प्रबंधन के पसीने छूटने लगे हैंं। चार मार्च को राजकीय मेडिकल कालेज परिसर में छात्रों के सिर मुड़वाने के बाद सिर झुकाकर, हाथ पीछे किए हुए चलने का वीडियो वायरल हुआ था।मामला सुर्खियों में आने के बाद जांच तो हुई, लेकिन कुछ नहीं निकल सका था। नौ मार्च को हाई कोर्ट ने कमिश्नर व डीआइजी को दो सप्ताह में जांच के निर्देश दिए थे। 14 मार्च को कमिश्नर दीपक रावत व डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे जांच को पहुंचे। इस जांच के बाद से ही रैगिंग के संबंध में सबूत मिलने की संभावना जताई जा रही थी। अब अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से कालेज प्रशासन के पसीने छूटने लगे हैं। इससे लगता है कि कई और लापरवाही सामने आ सकती है।
कुमाऊं कमिश्नर व डीआइजी की जांच में छात्रों से रैगिंग की बात सामने आने पर अब कालेज के सहायक वार्डन ने कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ छात्रों को उकसाने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया है। राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के सहायक वार्डन डा. हरप्रीत सिंह ने पुलिस को तहरीर दी है। सहायक वार्डन ने तहरीर में बताया है कि कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत व डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे व मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. अरुण जोशी के आदेश पर उन्होंने तहरीर दी है।
क्या है मामला मेडिकल कालेज प्रंबधन को कुछ दिन पूर्व एक वायरल वीडियो की जानकारी मिली थी। वायरल वीडियो में प्रथम वर्ष के छात्र एक पंक्ति में सर झुकाकर चल रहे थे। सभी के बाल छोटे व हाथ पीछे की तरफ थे। प्रथम दृष्टया इस तरह का व्यवहार भय, दबाव व दुव्र्यवहार के कारण किया जाना प्रतीत हुआ। इसके बावजूद किसी भी छात्र व अभिभावक ने कोई भी लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर अज्ञात पर छात्रों को उकसाने व धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। विवेचना शुरू कर दी गई है।