। स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आने लगती है।
प्राचार्य ने सुंदर आयोजन के लिए अंग्रेजी अध्यापिका अंशुल का विशेष रूप से अभिनंदन किया।
फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में नो स्मोकिंग डे पर अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करना इतनी बुरी आदत है कि यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, लंग कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती है। धूम्रपान की आदत छोड़ने के लिए कुछ व्यक्ति बहुत प्रयास करते हैं परंतु छोड़ नहीं पाते हैं। विद्यालय की सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड, गाइड्स और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि स्मोकिंग करने से केवल कैंसर जैसी घातक बीमारी ही नही होती है बल्कि इसके सेवन से भूख कम लगना, नींद नहीं आना जैसी बीमारी भी शुरू में होती है। स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आने लगती है। सिगरेट का धुआं और हीट मसूड़ों को भी काला बना देता है। मसूड़ों का कैंसर तक हो सकता है। नाक की नली में सिगरेट के धुएं में विद्यमान टार और केमिकल जमने से सूंघने की क्षमता क्षीण होने लगती है इस दिन का उद्देश्य लोगों को स्मोकिंग की बुरी आदतों से छुटकारा दिलाना होता है। तंबाकू या सिगरेट एक हानिकारक पदार्थ होता है, जिसके सेवन से कई तरह के रोग हो सकते हैं। इसका अधिक सेवन गंभीर बीमारियों को बढ़ावा देता है और शरीर को कमजोर बना देता है। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी धूम्रपान के कारण ही होती है। वहीं हृदय से जुड़ी बीमारियां भी सबसे अधिक धूम्रपान सेवन के सेवन से होने लगी हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ धूम्रपान न करने का परामर्श देते हैं। लेकिन धूम्रपान की आदत लग जाने के बाद इसे छोड़ना कठिन हो जाता है। लेकिन आपको सिगरेट या तंबाकू की लत छोड़नी है तो सबसे पहले स्वयं की की इच्छाशक्ति को जागृत करें और फिर उस निर्णय पर अडिग रहें। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि स्मोकिंग की आदत छुड़ाने के लिए योगासन भी कारगर उपाय है। आप मन को एकाग्र करने और धूम्रपान से छुटकारा पाने के लिए सेतुबंधासन, भुजंगासन, बालासन और सर्वांगासन करें। इससे भी आपको लाभ मिल सकता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत कौर, मौलिक मुख्याध्यापिका पूनम और अध्यापिका अंशुल ने सुंदर स्लोगन बनाने के लिए सोनम को प्रथम, सिमरन को द्वितीय, मनोज को तृतीय और केतिका को चतर्थ घोषित किया। छात्रा अनम, निशा, गिरिशा, खुशी, आयुषी, नैना और भारती ने भी पेंटिंग द्वारा समोकिंग न करने के लिए आह्वान किया। प्राचार्य ने सुंदर आयोजन के लिए अंग्रेजी अध्यापिका अंशुल का विशेष रूप से अभिनंदन किया।