डेढ़ घंटे नगर निगम में बैठे रहे पार्षद, नहीं आए अधिकारी
जांच के लिए सहायक नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई गई।
देहरादून। नगर निगम की जमीनों पर हुए अवैध कब्जे के मामले में पार्षद लगभग डेढ़ घंटे नगर आयुक्त के कक्ष में बैठे रहे, मगर नगर आयुक्त नहीं पहुंचे। गुस्साए पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर भूमाफिया को खुला संरक्षण देने का आरोप लगाकर सोमवार 14 मार्च की सुबह नगर आयुक्त कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी दी है। एक हफ्ते पूर्व भाजपा व कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला से मुलाकात कर नगर निगम की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों की जानकारी दी थी। इस दौरान करनपुर में नगर निगम के अधीन एक जमीन का हाउस टैक्स निजी व्यक्ति के नाम पर जमा होने का मामला भी उठाया गया। नगर आयुक्त ने भूमि कर अनुभाग को नगर निगम की सभी जमीनों का रिकार्ड बनाकर एक हफ्ते में उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही करनपुर की जमीन वाले मामले में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे। जांच के लिए सहायक नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई गई।पार्षद जमीनों के रिकार्ड की जानकारी लेने पहुंचे, लेकिन नगर आयुक्त उस वक्त कार्यालय में मौजूद नहीं थे। पार्षद उनके कक्ष में जाकर बैठ गए और करीब डेढ़ घंटे इंतजार किया। पार्षदों ने नगर आयुक्त पर जानबूझकर नगर निगम से गायब होने एवं फोन न उठाने का आरोप लगाया। हालांकि, इस दौरान निगम के राजस्व अधिकारी राजेश पैन्यूली, भवन कर अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली और भूमि कर अधीक्षक विनय प्रताप ने पार्षदों से मिलकर कार्रवाई की जानकारी दी, मगर पार्षद इससे संतुष्ट नहीं हुए। पार्षद भूपेंद्र कठैत के साथ पहुंचे सभी पार्षदों ने 14 मार्च को आयुक्त कार्यालय पर धरना देने की बात कही।