भाजपा-आरएसएस ने आज तक संविधान को पूर्णतः नहीं स्वीकारा
चुनावी बाॅड के नाम पर किये गये महा भ्रष्टाचार : करन माहरा
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी की हिटलरशाही, चुनावी बाॅड के नाम पर किये गये महा भ्रष्टाचार, लोकसभा चुनावों में धार्मिक धुर्वीकरण के लिए लागू किये गये सीएए तथा जातिगत जनगणना न कराये जाने पर जनता का ध्यान आकर्षित करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार की पोल खोली। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने कहा कि जिस भाजपा-आरएसएस ने आज तक संविधान को पूर्णतः नहीं स्वीकारा है। वो आरक्षण पर सवाल उठाते हैं। दलितों, आदिवासियों व पिछड़े वर्गों का अधिकार छीनना चाहते हैं। ये देश के लिए बहुत ही गंभीर व चिंताजनक बात है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सांसद के ‘संविधान बदलने’ वाले बयान पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अब चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है! ’संविधान या संघविधान, सामाजिक न्याय या शोषण, धर्मनिरपेक्षता या सांप्रदायिकता, नागरिक अधिकार या बेबस जनता, बोलने की आज़ादी या डर भरी चुप्पी, मोहब्बत या नफ़रत, विविधता या एकाधिकार, न्यायपूर्ण व्यवस्था या तानाशाही अन्याय। करन माहरा ने कहा कि आज़ादी के संघर्ष से मिली भारत की सबसे कीमती धरोहर, संविधान को बदलने का मतलब देश को गुलामी की ओर धकेलना है। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का फैसला अब आपके हाथों में है। भाजपा सांसद का यह बयान कि उन्हें 400 सीट संविधान बदलने के लिए चाहिए, नरेंद्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक ऐलान है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को ख़त्म करना है। उन्हें न्याय, बराबरी, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से नफ़रत है। समाज को बांटना, मीडिया को गुलाम बनाना, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा और स्वतंत्र संस्थाओं को पंगु बनाकर विपक्ष को मिटाने की साजिश से वो भारत के महान लोकतंत्र को संकीर्ण तानाशाही में बदलना चाहते हैं। हम आज़ादी के नायकों के सपनों के साथ ये षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे और अंतिम सांस तक संविधान से मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। करन माहरा ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की 39 प्रत्याशियों की सूची में 61 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक हैं। 31 प्रतिशत 50 वर्ष से कम आयु के युवा हैं तथा 52 प्रतिशत 60 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। जातिगत जनगणना पर बोलते हुए श्री करन माहरा ने कहा कि क्या हमने कभी सोचा है कि गरीब कौन हैं? कितने हैं और किस स्थिति में है? क्या इन सभी की गिनती ज़रूरी नहीं? उन्होंने कहा कि बिहार में हुई जातिगत जनगणना से पता चला कि गरीब आबादी के 88 प्रतिशत लोग दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। बिहार से आए आंकड़े देश की असली तस्वीर की एक छोटी सी झलक मात्र हैं, हमें अंदाज़ा तक नहीं है कि देश की गरीब आबादी किस हाल में जी रही है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर दो ऐतिहासिक कदम उठायेगी। जातिगत जनगणना, आर्थिक मैपिंग, जिसके आधार पर हम 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा को समाप्त कर सकेंगे। यह कदम देश का एक्सरे कर सभी को सही आरक्षण, हक़ और हिस्सेदारी दिलाएगा। इससे न सिर्फ गरीब के लिए सही नीतियां और योजनाएं बनाई जा सकेंगी बल्कि उन्हें पढ़ाई, कमाई और दवाई के संघर्ष से उबार कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा भी जा सकेगा। गिनती करो हमारा नारा है, क्योंकि गिनती ‘न्याय की पहली सीढ़ी’ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सत्ता में आने पर कंाग्रेस पार्टी दो काम करेगी। जातिगत जनगणना तथा आर्थिक सर्वे ताकि लोगों को पता चले कि देश की संस्थाओं में उनकी कितनी हिस्सेदारी है तथा उनके हाथ में देश का कितना धन है। कांग्रेस का लक्ष्य है कि देश के संस्थानों में सभी को भागदारी मिले। देश के 73 प्रतिशत लोग बड़े-बड़े अस्पतालों, निजी स्कूलों के मैनेजमेंट में नहीं दिखते हैं, लेकिन मनरेगा, ठेका मजदूरों की लिस्ट में दिख जाएंगे। पहले सरकारी नौकरियां थीं तो इन 73 प्रतिशत लोगों को भागीदारी मिलती थी, अब सब कुछ निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। चुनावी बाॅड (चुनावी चंदा) योजना पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने कहा कि चुनावी बॉन्ड एक बड़ा घोटाला है तथा कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के चुनावी बॉन्ड के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए एसबीआई को समय नहीं देने का स्वागत करती है। केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने गलत कार्यों पर पर्दा डालने की हर मुमकिन कोशिश की है, पर अब कलई खुलने वाली है। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपले और लेन-देन खुलने की यह पहली कड़ी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में चुनावी बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए एसबीआई द्वारा समय मांगने के बाद साफ हो गया कि सरकार अपने गलत कार्यों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है। अदालत के फैसले के बाद देश को जल्द चुनावी बॉन्ड से भाजपा को चंदा देने वालों की लिस्ट का पता चलेगा। करन माहरा ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खोलने के बाद अदालत को यह भी निर्देश देना चाहिए कि चुनिंदा पूंजीपतियों ने किस-किस ठेके के लिए चंदा दिया। उन्होंने कहा कि गौर करने की बात है कि सौ दिन में स्विस बैंक से काला धन वापस लाने का वायदा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार अपने ही बैंक का डाटा छिपाने के लिए बेशर्मी से सुप्रीम कोर्ट में खड़ी हो गई है। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव में चुनावी लाभ लेने की नीयत से लागू किये गये सीएए बिल पर बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सीएए बिल पिछले साढ़े चार साल पहले सदन से पास करवाया गया परन्तु साढे चार साल के अंतराल में इसे लागू करने की याद नहीं आई। परन्तु अब 2024 के लोकसभा चुनाव में धार्मिक धुर्वीकरण की नीयत से सीएए बिल लागू किया गया है न कि जनता की भलाई के लिए।