उत्तराखंड समाचारधर्म

शिव जी ने यहां सुनाई थी मां पार्वती को अमर कथा

जम्मू-कश्मीर में स्थित इस गुफा की कथा अत्यंत रोचक है।

देहरादून, 15 जून। कहा जाता है कि भारत भूमि के कण-कण में भगवान शंकर का वास है। जो भक्त उन्हें सच्चे मन से जहां पूजता है, उसके लिए वही शिव का धाम है। शिव और शक्ति को समर्पित कई प्राचीन तीर्थों के दर्शन एवं उनकी कथाएं पढ़ कर, हमारी आस्था अटूट व अटल हो जाती है। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा भी ऐसा ही एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। हर साल अमरनाथ के दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थित इस गुफा की कथा अत्यंत रोचक है।
प्राचीन काल की बात है। एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से अमरता एवं सृष्टि के सृजन का रहस्य जानना चाहा। अमरत्व के इस रहस्य को किसी भी साधारण स्थान पर नहीं बताया जा सकता था, क्योंकि यदि इसे कोई जीव सुन लेता तो वह अमर हो जाता और सृष्टि के नियम भंग हो जाते। अत: भोलेनाथ ने ऐसे स्थान का चयन किया जहां कोई जीव न हो। वे जम्मू-कश्मीर स्थित इस गुफा में आ गए। यहां आने से पूर्व उन्होंने सर्प आदि भी पीछे छोड़ दिए।
फिर वे माता पार्वती को सृष्टि का रहस्य समझाने के लिए अमर कथा सुनाने लगे। देवी पार्वती कथा सुनती जा रही थीं। इस दौरान वे सुनते हुए प्रतिक्रिया (हुंकारा) देती जा रही थीं। सहसा उन्हें निद्रा का अहसास हुआ और वे सो गईं। संयोगवश उस गुफा में कबूतर के दो बच्चे भी मौजूद थे। जब देवी पार्वती सो गईं तो वो कबूतर कथा के बदले प्रतिक्रिया देने लगे। शिव जी को यह प्रतीत हुआ कि देवी पार्वती ही कथा सुन रही हैं। कथा संपूर्ण होने के बाद शिव जी को ज्ञात हुआ कि देवी पार्वती तो सो रही हैं। और वे सोचने लगे कि फिर वहां कथा कौन सुन रहा था?
सहसा शिव जी को कबूतरों के दोनों बच्चे दिखाई दिए। शिव ने उनका संहार करना चाहा, लेकिन मां पार्वती ने उन्हें रोक लिया। कुछ कथाओं के अनुसार कबूतर के उन बच्चों ने शिव जी से प्रार्थना की थी कि वे उन्हें जीवन दान दें। चूंकि अमरकथा सुनने के बाद वे अमर हो चुके थे, इसलिए अब अगर शिव जी उन्हें भस्म कर देते तो अमर कथा का महत्व ही समाप्त हो जाता। शिव जी उन कबूतरों पर बहुत प्रसन्न हुए और उनकी जान बख़्श दी। आज हर साल अनेक श्रद्धालु देश के कोने-कोने से यहां दर्शन् करने आते हैं। उनमें से कई लोगों ने कबूतर के उन बच्चों को भी देखने का दावा किया है। इन्हें सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, जो ‘अमर पक्षी’के रूप में विख्यात हो गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button