प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक अनुसूया देवी मंदिर
मान्यता के अनुसार, इस अनुष्ठान में पूजा-अर्चना करने वाले निःसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।

देहरादून। चमोली में सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक अनुसूया देवी मंदिर है, जो देवी सती को समर्पित है। वह एक महान संत और सप्त ऋषियों में से एक अत्रि मुनि की पत्नी थीं (संस्कृत में सप्त का अर्थ सात और ऋषि का अर्थ ऋषि होता है)। कहा जाता है कि देवी अनुसूया अपने पति के लिए पूरी तरह से समर्पित थीं। अनुसूया देवी मन्दिर गोपेश्वर शहर से 12 किमी दूर व मंडल से 05 किमी ट्रेक पर स्थित है। अनुसूया देवी के पति अत्रि मुनि का आश्रम मन्दिर से02 किमी की दूरी पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां अनुसूया के सतीत्व के प्रभाव से त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश को यहां बाल रूप धारण करना पड़ा था, जो बाद में दत्तात्रेय के नाम से विख्यात हुए। इसके चलते मां अनुसूया को संतानदायिनी के रूप में जाना और पूजा जाता है। यूं तो सालभर मंदिर में पूजा-अर्चना और देवी के दर्शनों के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालु व निःसंतान दंपति पहुंचते हैं, लेकिन मार्गशीर्ष माह में दत्तात्रेय जयंती पर मां अनुसूया के दरबार में विशेष पूजा-अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस अनुष्ठान में पूजा-अर्चना करने वाले निःसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।