उत्तराखंड समाचार

रंगमंच बच्चों की कल्पना को जगाने का एक उपयुक्त माध्यम : प्रो सुरेखा डंगवाल

पहले दिन ही प्रतिभागी बच्चों ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया और हर्षोल्लास के साथ गतिविधियों में भाग लिया।

देहरादून, 10 मई। दून विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ, आई क्यु ऐ सी के तत्वाधान मे स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस, लोक एवं प्रदर्शन कला विभाग के सहयोग से, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बच्चों के लिए 2 सप्ताह की थिएटर कार्यशाला 24 मई तक आयोजित कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य रंगमंच के माध्यम से समाज मे समग्रता के साथ साथ व्यक्तित्व विकास करना है, जिससे बच्चे झिझक को दूर करना सीखेंगे, सामाजिक समावेश और दूसरों के साथ आत्मविश्वास से सहयोग करेंगे। लोक और प्रदर्शन कला विभाग के प्रशिक्षक डॉ. अजीत पंवार इस तरह की कार्यशाला पूर्व मे भी अलग अलग स्थानों पर करा चुके हैं. कला विभाग के डॉ. राजेश भट्ट ने बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने वाले व्यायाम और गतिविधियां सिखाई। समापन दिवस, 24 मई को बच्चों द्वारा एक विशेष नाट्य प्रदर्शन की ओर अग्रसर होंगे। पहले दिन ही प्रतिभागी बच्चों ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया और हर्षोल्लास के साथ गतिविधियों में भाग लिया। बच्चों को मूल्यवान व्यक्तित्व-निर्माण कौशल सीखते हुए देखने के बाद, माननीय कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि रंगमंच बच्चों की कल्पना को जगाने का एक उपयुक्त माध्यम है, और यह बच्चों को समग्र रूप से खुद को अभिव्यक्त करने में मदद करता है। इस प्रकार की गतिविधियाँ मस्तिष्क के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक हैं, और विकासशील बच्चे इनसे सबसे अधिक लाभान्वित होते हैं। स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस की समन्वयक डॉ. चेतना पोखरियाल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम संस्था को अपने सामुदायिक आउटरीच प्रयासों में मदद करते हैं और बच्चों की वृद्धि और विकास में योगदान देना समाज में योगदान करने का सबसे अच्छा तरीका है। इस दौरान प्रो पुरोहित, प्रो ममगाई, प्रो डोभाल, डॉ प्रीती मिश्रा, डॉ तन्वी, डॉ. स्मिता, डॉ गज़ाला खान, डॉ अदिति बिष्ट, मेहुल रावत और अपूर्वा सिवाली मौज़ूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button