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सुशीला बलूनी का खड़खड़ी श्मशान घाट में पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नम आंखों से अंतिम विदाई देने उमड़ा जन सैलाब

देहरादून, 10 मई। उत्तराखंड राज्य आंदोलन की पहली महिला आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का खड़खड़ी श्मशान घाट में पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सुशीला बलूनी के पुत्रों ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम विदाई में विधायक, मंत्री सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गई। अंत्येष्टि से पूर्व हरिद्वार के एडीएम पीएल साह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, नगर विधायक मदन कौशिक और रविंद्र जुगराज समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने सुशीला बलूनी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सुशीला बलूनी को ‘गार्ड ऑफ़ ऑनर’ दिया गया।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर सरकार के मंत्रियों, राजनेताओं और राज्य आंदोलनकारियों व समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी तथा उत्तराखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बलूनी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने श्रीमती सुशीला बलूनी के डोभालवाला स्थिति आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में श्रीमती सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जायेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी श्रीमती सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं का नेतृत्व करने वाली भाजपा की नेता सुशील बलूनी के निधन पर सरकार के मंत्रियों, राजनेताओं और राज्य आंदोलनकारियों व समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया।
आज भारतीय जनता पार्टी महानगर के अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने स्वर्गीय श्रीमती सुशीला बलूनी के डोभालवाला स्थित आवास पर पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर भाजपा का झंडा ओड़ाकर उनको श्रद्धाँजलि दी। इस दौरान हजारो की संख्या में राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्मारक स्थल में नम आँखों से सुशीला बलूनी को श्रद्धाँजलि दी। राज्य सरकार की तरफ से सैन्य सम्मान भी दिया गया। भाजपा महानगर अध्यक्ष अग्रवाल ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सुशीला बलूनी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उत्तराखंड बनने के बाद वह राज्य महिला आयोग और राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष रहीं। श्री अग्रवाल ने कहा कि वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी भले ही आज हमारे बीच में ना हों पर उत्तराखंड निर्माण के लिए उनका योगदान सदियों तक याद रखा जाएगा। वे उत्तराखंड की पहली महिला थीं जो राज्य निर्माण के लिए भूख हड़ताल पर बैठी थीं, उन्होंने राज्य आंदोलन के माध्यम् से हजारों की संख्या में महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। इस आंदोलन की आग को प्रचंड रूप देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वह कई बार गिरफ्तार भी हुईं और जेल गई पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। ऐसी महान आत्मा को हम सब शत-शत नमन करते हैं। एवं समस्त भाजपा कार्यकर्त्ता पुण्य दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि हम समस्त उत्तराखंडवासी पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को भी हमेशा याद रखेंगे।
वहीं कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा एवं राज्य आंदोलनकारी श्रीमती सुशीला बलूनी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डॉ. रावत ने श्रीमती बलूनी को याद करते हुये कहा कि वह राज्य आंदोलन की सशक्त पक्षकार थी और पृथक राज्य आंदोलन के दौरान कई बार जेल भी गयी। डॉ. रावत ने श्रीमती बलूनी के शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुये, ईश्वर से इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
वहीं भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी नेता सुशीला बलूनी के निधन पर गहरा शोक जताते हुए इसे अपूर्णीय क्षति बताया। भट्ट ने कहा कि बलूनी संघर्ष की प्रतीक थी और पृथक राज्य आंदोलन मे लिए उनका बड़ा योगदान रहा है जिसे कभी नही भुलाया जा सकता। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और परिजनों को दुख की घड़ी से उबरने की कामना की है।
वहीं कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने बलूनी के निधन को दुःख प्रकट करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में आंदोलन में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।

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