क्यूआर कोड को लेकर विवाद शर्मनाक : गरिमा मेहरा दसौनी
अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे बीकेटीसी अध्यक्ष : गरिमा
देहरादून, 02 मई । उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने क्यूआर कोड मामले को आड़े हाथों लिया है। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने इस पूरे प्रकरण को उत्तराखंड के लिए शर्मसार करने वाला बताया। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने कहा कि कपाट खुलने से पहले से ही क्यू आर कोड वहां विद्यमान था यह बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वयं स्वीकार किया है ऐसे में क्या बीकेटीसी समिति की कोई जवाबदेही या जिम्मेदारी तय होगी या नहीं ? दसौनी ने कहा की समिति का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह किसने लगाया, दोनों ही सूरतों में बीकेटीसी उत्तराखंड की गुनाहगार है और 80 करोड़ हिंदू सनातन धर्म की आस्था पर कुठाराघात करने के लिए उसे ना सिर्फ क्षमा मांगनी चाहिए बल्कि अध्यक्ष को अपने पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। अगर यह क्यूआर कोड बीकेटीसी ने पेटीएम से लगवाया है तो यह सीधे-सीधे श्रद्धालुओं के साथ लूट है और यदि नहीं तो ऐसे में चार धाम यात्रा उत्तराखंड सरकार ने जिस बीकेटीसी को सौंप रखा था उसकी जिम्मेदारी थी की वह हर चप्पे पर नजर बनाए रखे, उसकी लापरवाही और कोताही की सजा निश्चित रूप से उसे मिलनी चाहिए। दसौनी ने कहा कि पूरे प्रकरण में हतप्रभ करने वाली बात यह है कि पुलिस के आला अधिकारी ट्वीट करते हैं कि अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बीकेटीसी ने एफ आई आर दर्ज कराई है और कुछ ही समय बाद उस ट्वीट को डिलीट कर देते हैं,जबकि पेटीएम कंपनी जिसने क्यूआर कोड बद्रीनाथ और केदारनाथ में लगाया है खुद स्वीकार कर रही है कि स्कैनर उसने लगाया है ऐसे में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने का क्या औचित्य है? वहीं दूसरी ओर दसौनी ने आरोप लगाया की एक तरफ पर्यटन और धर्मस्व मंत्री छत्तीसगढ़ में है मुख्यमंत्री मुक्तेश्वर थकान मिटा रहे है स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत को कर्नाटक चुनाव प्रचार से फुर्सत नहीं तो क्या पूरी की पूरी भाजपा की सरकार ने उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा को भगवान भरोसे छोड़ दिया है ? दसौनी ने कहा की क्यूआर कोड प्रकरण का हस्र कहीं अंकिता हत्याकांड जैसा तो नहीं होगा जहां आज 8 महीने बाद यह पता तक नहीं चल पाया है कि बुलडोजर किसने चलाया यह पता चल पाया है कि दो बार आग कैसे लग गई और किसने लगाई और यह पता नहीं चल पाया है कि वीआईपी कौन था दसवानी ने कहा कि क्यूआर कोड प्रकरण भी उसी विभव हादसे का रिप्लिका दिखाई पड़ता है जहां वैसे ही पूरा का पूरा सरकारी तंत्र जहां एक ओर बीकेटीसी को बचाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर चार धाम यात्रा और उत्तराखंड पर लगे भ्रष्टाचार को कौन मिटा पाएगा। क्या इस पूरे शर्मनाक प्रकरण में किसी की भी जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होगी क्या इस प्रकरण से जुड़े हुए लोग दंडित किए जाएंगे।